उत्तराखंड प्रदेश जब से अलग हुआ तब से लगातार ही पलायन की समस्या से गुजर रहा है। रोजगार के लिए लाखों उत्तराखंडियों ने देश विदेश में अपनी एक सुन्दर छवि बनायीं है वो देश और विदेश के जिस कोने में भी जातें हैं। अपनी इमानदारी और मेहनत्त से खूब नाम कमा रहे हैं।
यदि ये कहें कि पलायन एक ऐसा कारण भी है जिसने उत्तराखंड की संस्कृति को दुनिया तक के लोगों तक पहुचाया है तो कोई हर्ज नहीं यदि उत्तराखंडी उत्तराखंड में ही स्वरोजगार पाते तो वो शायद दुनिया में प्रसिद्दी नहीं पाते।
आज उत्तराखंडी की पहचान इस कद्दर बन गयी है कि विदेशी युवतियां भी यहाँ के स्मार्ट लड़कों की तलाश कर रही हैं।इसकी एक वजह भी है जो विदेशी युवतियों को उत्तराखंडी युवकों को अपना दिल लुटाने पर मजबूर कर रही है। सवाल यह है कि हजारों मील से उत्तराखंड पहुंचकर वह क्यों शादी करना चाहती हैं?
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में पिछले पांच सालों में 100 से ज्यादा विदेशी युवतियों ने यहां के युवकों से शादी कर ली। यह युवतियां अब यहीं रह रही हैं।
विदेशों में भी कई ऐसी शादियाँ होती हैं बाद में वो उत्तराखंड आकर यहाँ के रीती रिवाज से भी शादी करते हैं लेकिन उसका आंकड़ा लगा पाना मुस्किल है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड आकर शादी करने वाली ज्यादातर युवतियां एक स्थाई वैवाहिक जीवन चाहती हैं यहाँ की संस्कृति उनके दिल और दिमाग पर छा जाती है। देवभूमि में आकर उन्हें गजब का सकून मिलता है।
वो यहीं पर अपना जीवन व्यतीत करने की सोच पालनी लगती है इन सब बातों के बीच में ख़ास बात ये है कि यहाँ के नोजवान भरोसेमंद और इमानदार होते हैं। उनकी छवि विदेशों तक फैली है एक पहाड़ी पर वो आसानी से विश्वास कर लेतीं हैं।
क्योंकि उन्हें यह पता तो रहता है कि यहाँ के युवक एक अच्छे दोस्त ही नहीं बल्कि एक अच्छे पार्टनर भी बन सकते हैं। इसीलिए वो यहाँ के युवकों से शादी करना पसंद करती हैं यहां रिषिकेश, लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती और तपोवन में करीब 50 विदेशी युवतियां शादी कर यहीं बस गई हैं।
विदेश आकर रिषिकेश में शादी करने वाली ऐसी ही युवतियों में एक लिसटे वालिविज्न हैं जो रिषिकेश एक युवक से शादी कर अपनी जिंदगी को कामयाब मान रही हैं। लिसटे अपनी मां के साथ 2008 में भारत आई थीं।
रिषिकेश में जब वह राफ्टिंग के लिए पहुंचीं तो यहां उनकी मुलाकात राफ्टिंग इंस्ट्रक्टर मुकेश से हुई। इस मुलाकात के बाद लिसटे को लगने लगा कि वह लगातार मुकेश से लगाव महसूस कर रही हैं। इसके बाद वह एक साल बाद वह फिर रिषिकेश आईं और मुकेश से शादी करने का निर्णय किया।
लिसटे मानती हैं कि उसके लिए प्यार बहुत ही गहरी चीज है। उनका यह प्यार मुकेश के दिल में आसानी से किसी को नहीं आने देगा वो उत्तराखंड की संस्कृति से भी बेहद लगाव रखती हैं।
उन्होंने बताया कि उसके ससुराल वालों ने शुरू में तो इस रिश्ते पर हैरानी जताई लेकिन बाद में उहोंने बात मान ली। अब सभी उसकी तारीफ कर रहे हैं। लिसटे ने अब अपना नाम इमली रावत रख लिया है।
इमली की सास बताती हैं कि वह अब खुशी से साड़ी पहनती है और नाक में नथुनी भी पहनती है जिसमे में वो उत्तराखंडी बहु लगती हैं।
रूस, जापान, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलेंड, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, हांगकांग, फिलिस्पेन, और इंडोनेशिया जैसे देशों की युवतियां यहाँ के कल्चर को फॉलो करतें हैं।
आने वाले समय में आपको दिलचस्प आंकड़े भी देखने को मिलेंगे कई बार विदेशी युवक और युवतियां यहाँ के रीती रिवाज़ से शादी कर वापिस अपने अपने देश को लौट जाते हैं। कई बार आपको ऐसी खबरें देखने को मिली होंगी। ')}