देहरादून : सरकार ने अंकिता भडारी हत्याकांड मामले में पैरवी कर रहे सरकारी वकील को हटा दिया गया है। मामले में सुनवाई नहीं होने से अंकिता के माता-पिता काफी परेशान थे और लम्बे समय से कई जगह प्रदशर्न कर वकील को हटाये जाने की मांग कर रहे थे।
अंकिता के परिजनों का आरोप है कि उनका वकील केस को जानबूझकर कमजोर कर रहा था, जिसे लेकर वह लगातार वकील को बदलने की मांग कर रहे थे। पूरे मामले में जिलाधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान ने बताया की सरकारी वकील ने खुद को अंकिता हत्याकांड से अलग कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, 17 जुलाई को प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया, अंकिता के परिजनों ने जिला प्रशासन व सीएम धामी का आभार जताया है बताया जा रहा है कि अंकिता भंडारी के केस से सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) जितेंद्र रावत अब खुद ही पीछे हट गए हैं।
बताया जा रहा है कि उन्होंने बीते रोज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर केस से हटने की इच्छा जताई थी। शनिवार को डीएम डॉ. आशीष चौहान ने अंकिता के माता सोनी देवी व पिता वीरेंद्र भंडारी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो भी अन्य वकील अंकिता हत्याकांड की पैरवी के लिए नियुक्त किया जाएगा, वह वकील अंकिता के परिजनों की सलाह के बाद ही इस हत्याकांड की पैरवी करेगा।