केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने भारत को दुनिया भर में डेस्टिनेशन वेडिंग का सबसे बड़ा केंद्र बनाने के लिए अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत दुनियाभर में भारत की वेडिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है। साथ ही विदेशी कपल को अपना ये खास दिन भारत में मनाने के लिए प्रेरित करना है। अधिकारियों ने कहा कि विवाह पर्यटन अभियान का उद्देश्य भारत के व्यापक विवाह उद्योग की क्षमता को उजागर करना भी है।
भारत सरकार इस अभियान के तहत वेडिंग प्लानर के साथ मिलकर डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया कैंपेन, स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पर काम करेगी। इसके अलावा घरेलू और इंटरनेशनल इंफ्लूएंसर के साथ मिलकर ऑनलाइन और ऑफलाइन एक्टिवेशन भी होस्ट करेगी। अभियान का फोकस वेडिंग थीम जैसे बीच वेडिंग, नेचर वेडिंग, रॉयल वेडिंग, हिमायलन वेडिंग पर होगा। कैंपेन में देशभर के बड़े 25 डेस्टिनेशन को चिन्हित किया गया है।
उत्तराखंड का यह डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल भी है ख़ास-
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में त्रिजुगीनारायण (त्रियुगीनारायण) मंदिर में सालभर देश-विदेश से कपल शादी करने के लिए पहुंचते हैं। उत्तराखंड सरकार ने साल 2018 में त्रियुगीनारायण मंदिर का डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में प्रचार-प्रसार किया था लेकिन देवस्थानम बोर्ड के समाप्त होते ही सरकार ने इस तरफ प्रयासों को लगभग छोड़ दिया है।
जिस तरह मंदिर अपना धार्मिक महत्व रखता है, भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल के रूप में देश दुनिया में जाना जाता है भारत सरकार अब इसे हिमायलन वेडिंग स्थल के रूप में दुनियाभर के लोगों को यहां आने का आमंत्रण देगी तो इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के साथ-साथ पर्यटन बढ़ने से सरकार की आमदनी भी बढ़ेगी। बता दें कि उत्तराखंड सरकार द्वारा इस मंदिर को डेस्टिनेशन वेडिंग पॉइंट घोषित करने के बाद कई नामी हस्तियां मंदिर में शादी और भगवान के आशीर्वाद के लिए भी पहुंचीं। है अगर केंद्र सरकार भी प्रयास करे तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन करवाकर होती हैं शादियां-
बता दें कि त्रियुगीनारायण मंदिर में वर्ष भर देश विदेश से लोग विवाह के लिए पहुंचते हैं, मंदिर में शादी करने के लिए छोटी सी धनराशि देकर रजिस्ट्रेशन होता है, इसके लिए जिन जोड़ों को विवाह करना है, उनके माता पिता की सहमति अनिवार्य है, इसके साथ ही साथ दूल्हा-दुल्हन का आधार कार्ड व फोन नंबर भी मंदिर समिति के पास रजिस्टर्ड करवाना जरूरी होता है, मंदिर में विवाह के लिए निश्चित तिथि तय कर जोड़ों को बता दी जाती है, इसके बाद यहां शादियां होती हैं। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर सोनप्रयाग से 13 किमी की दूरी पर स्थित त्रियुगीनारायण में प्रतिवर्ष विवाह आयोजनों की संख्या बढ़ रही है।