उत्तराखंड में आज हल्की बारिश के साथ ठंड बढ़ने की संभावना है। राज्य के टिहरी, देहरादून, पौड़ी, अल्मोड़ा, चम्पावत, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में हल्की बारिश होने की संभावना है इस दौरान 2500 मीटर व उससे अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बहुत हल्की से हल्की बर्फबारी होने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार, प्रदेश में 28 और 29 फरवरी को मौसम थोड़ी बहुत साफ़ बना रहेगा लेकिन एक मार्च से राज्य के सभी जिलों में एक बार फिर मौसम करवट लेता दिखाई देगा। जिसमें प्रदेश के 3000 मीटर व उससे अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी होने की संभावना है। वहीं दो मार्च को राज्य के 2800 मीटर व उससे अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इस दिन के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
बारिश होने पर क्या हो सकता है?-
• मध्यम से भारी बर्फबारी के कारण लगभग 2800 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर सड़कें बंद होने की संभावना है।
• बर्फबारी वाले क्षेत्रों में बिजली/पाइप लाइनें प्रभावित होने की संभावना है।
• उत्तराखंड की पहाड़ियों के संवेदनशील क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर चट्टानें गिरने/भूस्खलन के परिणामस्वरूप लिंक सड़कें/राजमार्ग अवरुद्ध होने की संभावना है।
• इस अवधि के दौरान पहाड़ी इलाकों में कुछ स्थानों पर शीत दिवस की स्थिति बनी रहने की संभावना है।
• बर्फ जमा होने के कारण सड़कें फिसलन भरी होने की संभावना है।
बारिश होने पर सलाह और सावधानियां-
• राज्य सरकार के सम्बंधित अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे लगभग 2800 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फ हटाने वाली मशीनरी की तैनाती के लिए समय पर कार्रवाई करें।
• लोगों को सलाह दी जाती है कि वे पहाड़ों में बिजली की विफलता और ठंड की स्थिति को सहने के लिए पावर बैकअप की वैकल्पिक व्यवस्था करें ।
• लोगों को भोजन और दवा/प्राथमिक चिकित्सा किट का पर्याप्त भंडार रखने की सलाह दी जाती है।
• पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे फिसलन वाले इलार्को में सावधानी से चलें और बर्फ वाले इलाकों में सड़क साफ होने का इंतजार करें ।
• लोगों को मोटे कपड़े की एक परत के बजाय ढीली फिटिंग, हल्के वजन और गर्म ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनने की सलाह दी जाती है।
• लोगों को सलाह दी जाती है कि वे घरेलू पशुओं के लिए चारे का स्टॉक रखें और उन्हें ढके हुए आश्रयों में रखें।
• हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों के नजदीक प्रतिष्ठानों/बस्तियों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।