रुद्रप्रयाग के रेल गाँव में एक महिला की ट्रोली से नदी में गिर जाने से मौत की खबर को डीएम रुद्रप्रयाग ने बड़ी गहनता से लिया। जैसे कि उन्होंने बारिश के कारण केदार नाथ में यात्रियों के बीमार होने की घटना से पार पाने के लिए छाते और कम्बलों का इंतजाम कर कई मुसीबतों को आने से पहले ही ख़त्म कर दिया था। ठीक उसी तरह से इस मामले के संज्ञान लेते हुए डीएम ने विजयनगर, नगरासू और धारकोट ट्राली में लाइफ जैकेट बांटे हैं। हर ट्रोली पर सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और ट्रोली में लाइफ जेकेट होंगी जिन्हें पहन कर ग्रामीण ट्रोली पार करेंगे।
उत्तराखंड में कई गाँव में आज भी नदियों को ट्रोली से पार करना पड़ता हैं। इन नदियों पर पुल के लिए बड़ा बजट लगता है। इसलिए हर छोटे गाँव के पुल बनाना बहुत मुस्किल काम है। सुरक्षा के लिहाज से डीएम ने जहां जहां ट्रोलियों से नदियाँ पार की जाती हैं अधिकारियों को हर जगह लाइफ जेकेट भेजने के आदेश दिए हैं। डिमांड के आधार पर हर क्षेत्र में लाइफ जेकेट मुहेया कराई जा रही हैं।
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बुधवार को जब लाइफ जेकेट के साथ सफ़र कर लोगों को देखा गया तो उनके चेहरे पर नदी पार करते मुस्कान नजर आई। क्योंकि आये दिन बरसात में ट्रोली से नदी पार करते डर हर किसी के मन में रहता है। इस काम के लिए अब लोग डीएम साहब की खूब तारीफ कर रहे हैं। जनाब तारीफ क्यों ना करें हर कोई अपने क्षेत्र के लिए ऐसे ही डीएम की मांग करने में बैठे हैं। रुद्रप्रयाग डीएम जिस तरह से हर परेशानी का तोड़ निकाल लेते हैं वो वाकई काबिले तारीफ़ है।
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