देहरादून में रक्षाबंधन से पूर्व 2 युवतियों की सड़क के गड्डों के कारण दर्दनाक मौत के बाद प्रसाशन ने आँख खोली है, अब त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया है कि वे राज्य की सभी सड़कों को तत्काल गड्ढा मुक्त करें ताकि दुर्घटनाओ को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने 2 युवतियों के मौत के बाद राजधानी और प्रदेश में सडक के गड्डों पर तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए हैं वहीं राजधानी में पिछले दो महीने में हुई दुर्घटनाओं ने सरकार की पोल खुलनी शुरू दी है। वहीं लोगों का भी सरकार के प्रति आक्रोश है राजधानी देहरादून बदहाल सड़कों का रोना रो रही है। जब राजधानी के ही ऐसे हाल हैं तो सोचिये राज्य के पर्वतीय क्षेत्र का क्या हाल होगा।
गड्डे तो फिर भी बरसात के टाइम पर पर जादा परेसान करते ही हैं लेकिन राजधानी में कुछ सड़कों पर दुर्घटनाओं की रोक के लिए बनाये गए स्पीड ब्रेकर भी दुर्घटनाओं का कारण बन जाते हैं राजधानी में स्पीड ब्रेकरों का कोई एक आकार नही हैं कहीं ऊँचे ऊँचे टीले के रूप ने बनाये गए हैं तो कहीं गहरे खड्डे के रूप ने भी स्पीड ब्रेकर दिखाई देंगे। ये खड्ड वाले स्पीड ब्रेकर भी आपको पूरी दुनिया में उत्तराखंड की राजधानी में ही देखने को मिलेंगे। कुछ ऐसे भी स्पीड ब्रेकर बनाये गए हैं जिन्हें कोई भी बाइक और स्कूटर सवार लांगने से बचता है।
उत्तराखंड की परिस्थितियों को वहां की जनता भी समझती है इसलिए कुछ नहीं कहती है। इसका मतलब ये नहीं होना चाहिए कि सरकार अपने काम ही भूल जाए। सरकार को राजधानी की सड़कों पर बने जानलेवा गड्डों पर कैसे तुरंत कार्यवाही हो उस मामले में विशेष तौर से सोचना होगा नहीं तो ऐसी घटनाओं को दौर जारी रहेगा।
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