उत्तराखंड में एक बाद एक एअरपोर्ट निर्माणाधीन हैं उनमे से प्रमुख है, उत्तरकाशी का चिन्यालीसौड़ एअरपोर्ट और चमोली स्थित गौचर एअरपोर्ट इन दोनों एअरपोर्ट को सेना की सुविधा के हिसाब से जल्दी और खुबसूरत बनाया जा रहा है। दोनों एअरपोर्ट पे अब तेजी से काम हो रहा है। आपको बता दें कि वायु सेना अधिकारियों ने नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों के साथ बुधवार को गौचर हवाई पट्टी और निर्माणाधीन चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे का निरीक्षण किया।
चिन्यालीसौड एअरपोर्ट का बचा हुआ काम जल्द पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। इस हवाई पट्टी को कई कारणों से विशेष माना जा रहा है इसलिए इस हवाईपट्टी का विशेष तौर से विकास किया जाएगा। अधिकारीयों ने इन एअरपोर्ट के लिए अधिक संभावित जमीन पर इसे फैलाने की बात कही है। सैन्य जरूरत के हिसाब से चिन्यालीसौड़ के साथ ही गौचर हवाई पट्टी को भी हवाई अड्डे के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा।
इन हवाई पट्टियों को सक्षम और बड़े क्षेत्र में फैलाना होगा। इस से यहाँ पर सेना के बड़े बड़े जंगी जहाज भी लेंड कर सकेंगे इसके साथ ही इनकी खूबसूरती का ख्याल भी रखा जाएगा। उपलब्ध जमीन तक हवाई पट्टी को बढ़ाने के सुझाव भी दिया गया। इसके अलावा सुरक्षा दीवार की उंचाई कम करने और इसके रख रखाव के बारे में भी चर्चा हुई। गौचर हवाई पट्टी की चौड़ाई कम होने के कारण सुरक्षा दीवार से जहाज़ों के पंख टकराने का खतरा रहता है आपको बता दें कि गोचर में आसपास की पहडियों के जिक्र के चलते इस एअरपोर्ट का जादा विकास होना संभव नहीं है। लेकिन सेना के जहाज़ों और हेलीकाप्टर सेवा के लिए इसे उपयोग में लाया जा सकता है। हालाँकि इस पर आगे भी चर्चा होती रहेगी।
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