उत्तराखंड के 25 वर्षीय नौजवान सिपाही मनमोहन प्रकाश को आज सेन्य सम्मान के साथ अंतिम विधाई दी गयी सेना के इस होनहार सिपाही की मौत अरुणाचल में ड्यूटी के दौरान हुई उनकी मौत के तीन दिन के बाद आज उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा था। मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा अभी तक सेना द्वारा नहीं किया गया है
अरुणाचल प्रदेश में सेना के इस जवान की रहस्यमय मौत हो गयी। सैनिक की मौत किन कारणों से हुई इसका खुलासा पार्थिव शरीर लेकर आए जवानो ने भी नहीं की तो परिजन व्याकुल हो उठे। जवान के घर में बृहस्पतिवार को उनके निधन की सूचना यह कहते हुए मिली थी कि जवान ने आत्म ह्त्या की है। शव के घर आने के बाद भी मृत्यु का कोई प्रमाण घर वालों को नहीं मिला।
परिवार वालों ने ये कहकर जांच की मांग की कि उनका बेटा आत्म हत्या नहीं कर सकता। अलबत्ता मृतक के परिजनों ने आशंका जताई है कि उसकी हत्या कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि आत्महत्या की है तो कोई प्रमाण भी तो होना चाहिए?
मूल रूप से दोबांस ग्राम पंचायत के रीठाखानी गांव निवासी मनमोहन प्रकाश (25) पुत्र शिवराम इस समय 9 कुमाऊं में अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे। पिछले दिनों वो अपने घर की छत पर लेंटर डाल के अपनी ड्यूटी पर लौट गया था। उसने दिसम्बर में शादी करने की बात भी कही थी। लेकिन इस तरह से अचानक ही ऐसा हो गया कि कोई सोच भी नहीं सकता।
परिजनों ने बताया कि मनमोहन बुधवार को उनसे बार बार फ़ोन पर बात करना चाहता था लेकिन नेटवर्क की वजह से फ़ोन कट रहा था परिजनों ने सेना अधिकारी को पत्र लिखकर इस मामले में जांच की मांग करने का फैसला लिया है
मनमोहन पांच वर्ष पहले भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। सैनिक का पार्थिव शरीर शनिवार को घर पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया यहां झूलाघाट में महाकाली के तट पर सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि कर दी गई। ')}