इस साल केदारनाथ की काया बदल जायेगी प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। लेकिन जैसे ही मौसम का मिजाज बदलेगा और ठण्ड बढ़ जायेगी तो यहाँ कर कार्य को जारी रखना चुनौती पूर्ण होगा।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने इस कार्य के लिए अगले साल की 18 अक्टूबर की तारीक काम पूरा करने की आखिरी तारीक रखी है।
इस दिशा में जितना काम पिछले 3 साल में यहां हुआ है, उसके 3 गुना से जादा कार्य सिर्फ एक ही साल में किया जाना है। इस प्रोजेक्ट पर 500 करोड़ खर्च किये जाने हैं। जिसका कुछ हिस्सा राज्य सरकार को भी देना है।
इतने बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मौसम की मेहरबानी भी जरूरी है। साथ ही शीतकालीन 4 महीने यहां करने में रुकावट आएगी क्योंकि यह क्षेत्र पूरी तरह बर्फ से ठक जाता है।
इसके अलावा इन कामों के लिए एमआई-26 हेलीकॉप्टर से लगभग पंद्रह जेसीबी मशीनों को यहां पहुंचाया जाना है। इसके अतिरिक्त पांच सौ श्रमिकों को लगातार यहां रखने का इंतजाम करना भी कम चुनौती नहीं है।
उच्च स्तरीय स्ट्रक्चरल इंजीनियरों और एक्सपर्ट की टीम भी यहां लगातार रोककर रखनी होगी। जिससे यह कार्य शीघ्र पूरा किया जा सके। देखना होगा कि अगले साल बारिश इस टीम का कितना साथ देती है। बाबा केदार अगर कृपा रखेंगे तभी यह कार्य इस साल पूरा किया जा सकता है।
इस कार्य पर प्रधानमंत्री खुद नजर रखेंगे इस लिहाज से इस प्रोजेक्ट को तैयार करने का बढ़ा दबाव देखा जा सकेगा। साथ ही यदि यह कार्य को भाजपा की मौजूदा सरकार तय समय सीमा में नहीं कर पाती है, तो विपक्ष को बीजेपी को घेरने के लिए यह बड़ा मौका होगा। ')}