अर्द्ध सैनिक बलों के ड्यूटी के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले जवानों के आश्रितों को राज्य सरकार नौकरी देगी। पुलिस के शहीदों के परिजनों को अब तक 10 लाख की जगह मिलेंगे 15 लाख की आर्थिक मदद।
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सरकार ने उत्तराखंड के शहीद जवानों के बच्चों को एक नयी सौगात देने का फैसला किया सचिवालय में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देश रक्षा में शहीद होने वाले जवानों और अफसरों के परिजनों के साथ सरकार खड़ी है। उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। सरकार ने फैसला लिया है कि शहीदों के आश्रितों को योग्यता अनुसार राज्य में नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस के शहीदों के परिजनों को अब तक 10 लाख की आर्थिक सहायता सरकार की ओर से दी जाती थी, इसे बढ़ाकर अर्द्धसैनिक बलों के बराबर 15 लाख किया गया है।
अब उत्तराखंड सरकार का काम है सेना और अद्धसैनिक बलों के शहीदों के बच्चों को योग्यता अनुसार नौकरी देगी। राज्य के निवासी सैनिक व अर्द्ध सैनिक बलों के ड्यूटी के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले जवानों के आश्रितों को राज्य सरकार नौकरी देगी। केवल उन्हीं आश्रितों को नौकरी दी जाएगी, जिन्हें केंद्र सरकार के नियमों के तहत नौकरी नहीं मिल पाती है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने सरकार की ओर से लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले भी बताए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिला अस्पताल और संयुक्त अस्पतालों में आईसीयू यूनिट खोली जाएगी। उन्होंने के ढांचे को और सुदृढ़ बनाने के लिए तीन करोड़ का फंड देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर यह घोषणाएं सरकार की ओर से की जाती थी, लेकिन दिनभर कार्यक्रमों में व्यस्तता के चलते सोमवार को इसकी जानकारी दी
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा की प्रत्येक जिला अस्पताल में इंटेन्सिव केयर यूनिट (आइसीयू) की स्थापना होगी। दूसरे चरण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी यह सुविधा दी जाएगी। कुल 26 अस्पतालों को जल्द आइसीयू सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस से प्रदेश में बड़े इलाज के लिए लोगों को शहर आने की जरूरत नहीं होगी। ')}