करीब 12 साल यानी 2006 के बाद पहली बार मई महीने में बदरीनाथ धाम में बर्फ़बारी हुई, हालांकि यह ज्यादा देर नहीं टिकी, लेकिन आधा घंटे तक हुए हिमपात का यात्रियों ने भी आनंद लिया। तीर्थयात्री भी ठंड से बचने के लिए अपने कमरों में ही दुबके रहे। केदारनाथ में भी हिमपात हुआ। जिसके चलते हेलीकाप्टर सेवा बाधित रही। चारों धामों की चोटियों पर बड़ी बर्फ की चादर जम चुकी हैं जो पर्यटकों को मन मोह रही है।
आज भी कुमाऊँ और गढ़वाल दोनों क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, बारिश की वजह से कई जगह सडक मार्ग खतरनाक हो चूका है, चमोली में लगातार बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है लेकिन यात्रा शुचारु रूप से जारी है। दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ में भी बारिश ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मुनस्यारी के मानीधामी में बारिश के दौरान निर्माणाधीन सड़क का मलबा प्राथमिक विद्यालय के साथ ही आसपास के दस मकानों में घुस गया। जान माल के नुक्सान की खबर नहीं है।
मौसम विज्ञान ने अगले दो-तीन दिन भारी बारिश और अंधड़ आने का अनुमान लगाया है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक 8, 9 और 10 मई को राज्य में 70 से 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ ही ओलावृष्टि भी हो सकती है। ')}