चारधाम देवस्थानम् प्रबन्ध अधिनियम, 2019 द्वारा गठित देवस्थानम् बोर्ड के गठन के उपरांत उत्पन्न स्तिथियों तथा समस्त संबंधित हितधारकों के पक्षों पर विचार करने के उपरांत सरकार ने उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम् प्रबन्ध अधिनियम, 2019 के निरस्त किये जाने का निर्णय लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि देवस्थानम बोर्ड के विरोध में साल 2019 से ही तीर्थ पुरोहितों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहा। तीर्थ पुरोहितों का सीधे तौर पर यह कहना था कि देवस्थानम बोर्ड बनाकर सरकार उनके हकों का हनन करना चाह रही है। ऐसे में वह किसी भी कीमत में देवस्थानम बोर्ड के गठन को बर्दाश्त नहीं करेंगे। तीर्थ पुरोहित धरना प्रदर्शन और अनशन कर देवस्थानम बोर्ड का विरोध करते रहे और बोर्ड को भंग करने की मांग पुरजोर तरह से उठाते रहे, इसका नतीजा यह रहा कि सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा और देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने का बड़ा फैसला लेना पड़ा।
अब सरकार आगामी विधानसभा सत्र में बोर्ड को भंग करने का विधायक पेश कर इसे वापिस लेगी। जानकारी के अनुसार, सरकार पूर्व से संचालित चार धाम विकास परिषद और बद्री केदार मंदिर समिति को फिर से पुनर्जीवित करेगी और इसी पर आगे बढ़ेगी।