भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधायक मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के मामले में कांग्रेस पार्टी द्वारा बहुत ही घटिया एवं गैर जिम्मेदाराना तरीके से राजनीति की जा रही है, जो कि कांग्रेस के राजनीतिक दिवालियेपन का सबूत है। उन्होंने कहा कि न्यायालय अनेकों बार निर्णय कर चुके हैं कि निलम्बन कोई सजा नहीं है बल्कि प्रारम्भिक जाँच प्रक्रिया का हिस्सा मात्र है।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में मुन्ना सिंह चैहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा द्वारा जिस प्रकार का आचरण किया गया था उसको देखते हुये शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय सेवक आचरण नियमावली के अनुसार सामान्य अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की गयी। जिस पर कांग्रेस पार्टी द्वारा बहुत ही घटिया एवं गैर जिम्मेदाराना तरीके से राजनीति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस अध्यापिका के विरूद्ध पूर्व में भी दो बार अनुशासनात्मक कार्यवाही हो चुकी है। इतना ही नहीं वर्ष 2016 में इन्हीं शिक्षिका को सेवा समाप्ति का नोटिस कांग्रेस सरकार के दौरान दिया गया इसलिये कांग्रेस को आज घड़ियाली आँसू बहाने की बजाये उत्तराखण्ड की जनता को यह बताना चाहिये कि उस समय कांग्रेस की सरकार ने इन शिक्षिका के समस्याओं के निराकरण के लिये क्या कार्यवाही की।
अपने इस दोगले आचरण के लिये कांग्रेस पार्टी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिये। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में मर्यादा और अनुशासन को लांघते हुये जो आचरण किया गया वह सर्वविदित है। इस सबके बावजूद भी मुख्यमंत्री ने उदारता दिखाते हुये शिक्षिका के प्रार्थना पत्र पर संबधित अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिये, जिसमें मानवीय आधार पर शिक्षिका के पारिवारिक परिस्थितियों को भी सहानुभूतिपूर्वक देखने का भी निर्देश है।
यह तथ्य शिक्षा सचिव द्वारा अपने बयान में स्पष्ट किया जा चुका है। फिर भी इस प्रकरण में कांग्रेस पार्टी द्वारा गाली गलोच एवं अमर्यादित आचरण का समर्थन करते हुये जिस प्रकार से घटिया राजनीति की जा रही है वह निंदनीय है। ')}