देहरादून : पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री धामी ने अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की घोषणा की थी, जबकि शिक्षा मंत्री ने रुकी हुई सैलरी जल्द भेजने का दावा किया था लेकिन ठीक उसके एक हप्ते बाद ही शिक्षा निदेशक के निर्देश पर ऐसा आदेश सामने आया जिससे अतिथि शिक्षक बेहद आहत हैं।
अल्मोड़ा खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा 22 जुलाई को जारी एक आदेश में कहा गया है कि शिक्षा निदेशक द्वारा मौखिक आदेश के अनुपालन में अतिथि शिक्षकों के अवकाश के दौरान का वेतनमान रोक दिया जाय जिन शिक्षकों को वेतन दे दिया गया है उसे अगले महीने की सेलरी में समायोजित किया जाय। हालांकि शासनदेश में नियमों को भी स्पष्ट किया गया है।
अब बात सामने यह आ रही है कि कई शिक्षकों को सेलरी भेजी जा चुकी है। ऐसे में डबल इंजन की सरकार अगर वेतन वापसी लेती है तो यह बेहद शर्मनाक बात होगी। शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान स्थाई शिक्षकों के साथ अतिथि शिक्षकों ने भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी है। कोरोना में ड्यूटी भी निभाई है। ऐसे में उनके वेतन में कटौती करना न्यायपूर्ण नहीं है। वे सेलरी बढ़ाने की उम्मीद से सरकार की और देख रहे थे लेकिन ग्रीष्मकालीन अवकाश अवधि का मानदेय नहीं देने का फैसला विभाग द्वारा लिया गया।
आदेश आने के बाद प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों में गुस्सा है। अल्मोड़ा के सोमेश्वर के ताकुला विकासखंड के अतिथि शिक्षक संघ ने सरकार पर धोखा देने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए सरकार से आदेश वापस लेने के लिए कहा है। अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो शिक्षक सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।