ये जिंदगी का खेल भी अनोखा होता है कहते हैं जाके राखे साईंयां मार सके ना कोई’ जिसके सर पे भगवान का हाथ हो उसे तो कोई नहीं मिटा सकता। उत्तराखंड के पिथोरागढ़ में शनिवार को हुई बारिश ने जो कहर ढाया वो परिवार केसे भूल सकता है। जिन्होंने अपना सबकुछ खो दिया राहत और बचाव कार्य के लिए मौके राजस्व और आपदा राहत दल पुलिस पहुंची।
मदरमा के तोक टिप्ल्या में दो मकान ध्वस्त हो गए थे जिसमे 6 लगो मलवे में दब गये। जिनमे 3 लोगों की मौत हो गयी थी मलवे के नीचे मवेशी भी दब गए थे। देर से पहुंची पुलिस और राहत दल ने मालवा हटाना शुरू किया तो काफी समय लग गया। किसी को इस मलवे के अन्दर जीवन होने का कोई मतलब ही नहीं बनता था।
लेकिन जब मालवा पूरी तरह हट गया तो नीचे गाय माता जिन्दा मिली। गाय के सकुशल निकाल पुलिस राहत दल काफी खुश दिखे इसी मलवे में शेर सिंह, राधा देवी और उनकी बेटी कुमारी सुनीता की मौत हो गई थी। लगातार हो रही बारिश सड़कों के लिए परेसानी का सबब बनी हुई हैं हर जगह भूस्खलन से आम जन तो परेसान हैं ही साथ सड़कों दिन रात काम करने वाले बीआरओ और लोनिवि के कर्मचारी भी अपने पुरे मनोबल से लगे हैं।
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