उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) दीपक डिमरी कैंसर से जिंदगी की जंग हार गए। लेकिन मौत के बाद भी वह ऐसा काम कर गए कि सब लोग उन्हें सलाम कर रहे हैं। दीपक दीपक डिमरी ने अपना पूरा शरीर दान दिया है। उनकी जीने की प्रबल इच्छा थी लेकिन डॉक्टर भी अब जवाब दे चुके थे।
दीपक अपने पीछे पत्नी रजनी डिमरी, छह वर्षीय पुत्र अक्षत, आठ वर्षीय पुत्री मैत्रयी, मां कमला डिमरी, पिता राम लाल डिमरी और अपने छोटे भाई प्रदीप डिमरी को रोता बिलखता छोड़ गए।दीपक डिमरी कैंसर से पीड़ित थे।
प्रबल इच्छाशक्ति और राज्य के प्रति समर्पण के चलते निधन से 14 दिन पहले तक वह मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्य कर रहे थे। देहरादून के मिलन विहार स्थित आवास पर उनका पार्थिव शरीर रखा गया है।
दीपक डिमरी के देहदान और नेत्रदान के संकल्प के चलते उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया। दीपक के परिजनों ने बताया कि दीपक ने नेत्र और देहदान का संकल्प लिया था, उन्होंने परिजनों को इसकी मौखिक जानकारी दी थी।
उनकी इच्छा के अनुसार उनकी आंखों को श्री महंत इंदिरेश अस्पताल और देह को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट को दान कर दिया गया है। उनके द्वारा इस गए इस कार्य की मरणोंप्रांत लोग सराहना कर रहे हैं।
कहते हैं ना अच्छे लोगों की जरूरत भगवान को भी होती है उनकी आत्मा को स्वर्ग में शान्ति मिले यही कामना करते हैं। ')}