देबानंद पंत(देहरादून): मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले 24 घंटे में प्रदेश के कुछ इलाकों में तेज बारिश हो सकती है। देहरादून व हल्द्वानी शहर पूरी तरह डेंगू की चपेट में हैं, अगर तेज बारिश होती है तो डेंगू के प्रभाव में कमी आएगी, तापमान कम होने के साथ ही डेंगू भी खत्म हो जायेगा।
इस साल दून में डेंगू की बीमारी महामारी की तरह फैल रही है। हजारों लोग डेंगू का इलाज करा चुके हैं और हजारों की संख्या में लोग अस्पतालों में बेहाल स्थिति में हैं। लगातार नए मरीज भर्ती हो रहे हैं। अब तो एक सरकारी अस्पताल का आंकड़ा जारी करने से भी सरकार डर रही है। दून में सभी अस्पताल फुल हैं, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए निजी अस्पतालों में इलाज कराना खासा मुश्किल हो रहा है।
कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कारगी निवासी एक मरीज ने बताया कि उनके परिवार में तीन लोग डेंगू से पीड़ित हैं। सभी को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती करना पड़ा हैं, इलाज में 1 लाख से ज्यादा का खर्चा आया है। सरकारी अपस्ताल में जगह नहीं थी इसलिए मरीजों की हालत खराब होने पर मजबूरी में प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ रहा है।
दून हॉस्टपिटल के पास स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती डेंगू के मरीज ने बताया कि डेंगू के इलाज में 30 हजार रूपये का खर्चा आ गया है पांच दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली है दवाई का खर्चा अलग से दिया है।
इसी अस्पताल में एक बुजुर्ग जो कि अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि डेंगू का इलाज पूरा कर मरीज को घर ले गए थे लेकिन घर में फिर बुखार आ गया और दुबारा मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है, मरीज फिलहाल आईसीयु में है और थोड़ी देर में खून चढ़ाया जाएगा उन्होंने बताया कि डेंगू की वजह से बहुत परेशान हैं। सरकारी अस्पताल में जगह नहीं होने की वजह से प्राइवेट में भर्ती करना पड़ा है यहां के खर्चे देखकर ही होश उड़ गए। अभी पता नहीं कितना खर्चा आएगा भगवान ही जाने।
रायपुर रोड स्थित एक अस्पताल में भर्ती मरीज ने बताया कि एक प्राइवेट वार्ड का किराया बहुत ज्यादा है। डेंगू के पांच दिन के इलाज में 50 हजार रूपये तक का खर्चा आ गया। साल भर एक-एक रूपये जमा करके बैंक में रखे थे, आज अगर घर में किसी को डेंगू हो गया तो फिर क्या होगा पता नहीं।
हालांकि सरकार ने आयुष्मान कार्ड से प्राइवेट हॉस्टपिटलों को भी डेंगू के इलाज की इजाजत दे दी है लेकिन सरकार की तरफ से यह फैसला काफी देर बाद आया है। इससे कम ही लोगों को फायदा होगा। डेंगू पर डबल इंजन की सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है, दून वासियों में सरकार के इस रवैये से काफी गुस्सा है। ऐसे में सरकार को बारिश से ही राहत मिलने की उम्मीद है।
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