टिहरी: उत्तराखंड के पंकज सेमवाल को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार के लिए चुना गया है जाखनीधार ब्लॉक के नारगढ़ गांव निवासी पंकज सेमवाल पुत्र स्व. टीकाराम सेमवाल 10 जुलाई को अपनी मां और बहन के साथ घर की दूसरी मंजिल के बरामदे में सो रहा था।
आधी रात को अचानक गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। पंकज की मां विमला देवी (45) पर गुलदार झपट गया। इतने में पंकज की आंख खुली तो मां को गुलदार के जबड़ों में देख वह वहीं पास पड़े डंडे को उठाकर गुलदार पर झपट पड़ा। अचानक हुए हमले के बाद गुलदार भी विमला देवी को छोड़कर वहां से भाग गया।
गुलदार के हमले में पंकज की मां विमला देवी को चोटें आई, जिसके बाद ग्रामीणों ने विमला देवी को अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बाद वो इलाज के बाद घर लौट आई, बता दें कि पंकज के पिता नहीं हैं और मां घर में खेती का कार्य कर परिवार चलाती है।
प्रशासन ने पंकज की बहादुरी को देखते हुए उसका नाम वीरता पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया था। नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पंकज को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पंकज राजकीय इंटर कालेज रजाखेत में 12वीं कक्षा का छात्र है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी दिनेश चंद्र गौड़ ने बताया कि पंकज को वीरता पुरस्कार मिलने से पूरे विद्यालय और विभाग के लिए गर्व की बात है। इससे अन्य छात्र- छात्राओं को भी बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी ')}