चमोली:(रैबार उत्तराखंड) पूरी दुनिया में मशहूर फूलों की घाटी आज गुरूवार को शीतकाल में पर्यटकों की आवाजाही के लिए बंद हो गई है। घाटी को जून में पर्यटकों के लिए खोला गया था। इस वर्ष रिकॉर्ड 17424 पर्यटकों ने फूलों की घाटी के दीदार किए। इसमें 16904 भारतीय व 520 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। पर्यटकों की आवाजाही से पार्क प्रशासन को 27 लाख 60 हजार 825 रुपये की आय प्राप्त हुई है। पिछले साल 25 लाख रुपये की आय प्राप्त हुई थी।
जानकारी के अनुसार इससे पहले 2018 में 14,965 पर्यटक फूलों की घाटी पहुंचे थे। 2017 में 13754 घाटी पहुंचे थे इस तरह हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है, इस साल विदेशी पर्यटकों की संख्या में मामूली कमी देखी गई हैं । 2018 में 750 विदेशी पर्यटक घाटी पहुंचे थे इस साल यह 520 रही। वन विभाग द्वारा पर्यटन शुल्क के रूप मे भारतीय पर्यटको से 150रूपये तथा विदेशी पर्यटको से 600रूपया लिया जाता है। घाटी बंद होने के बाद अब 87 वर्ग किमी0 की फूलों की घाटी में 12 ट्रैप कैमरे शीतकाल में वन्य जीवों की निगरानी के साथ शिकारियों पर भी नजर रखेंगे। जून से अक्टूबर तक घाटी की सैर करने देश और दुनिया के लोग यहां पहुँचते हैं।
आपको बता दें कि फूलों की घाटी दुनिया की इकलौती एसी जगह है जहां पर 500 से ज्यादा दुर्लभ प्रजाति के फूल खिलते हैं। 1931 मे ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रेंक एस स्माइथ ने फूलों की घाटी की खोज की थी। वे यहां उस समय कामेट पर्वत आरोहण के लिए आए थे। इस दौरान वे रास्ता भटककर वे यहां पहुंच गए थे। इसके बाद उन्होंने वैली ऑफ फ्लावर नाम की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक प्रकाशित की थी।