चकराता विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे गजेंद्र जोशी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। उन्होंने अपने घोषणा पत्र में जिन समस्याओं के लिए लेकर बात की है वो जनता के दिल से जुड़ें हैं। जिन मुद्दों को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं वे निम्न हैं-
विधायक निधि का 90% भाग स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च होगा, जिसका हर साल ब्यौरा दिया जाए।
हर खत या पट्टी में एक या दो खत के केन्द बिंदु में एक मंडी आधारित बाजार-टाउन विकसित हो।
हर खत या पट्टी में बहु-फसल आधारित फूड प्रॉसेसिंग प्लांट एण्ड कोल्ड स्टॉरिज हो।
हर खत या पट्टी में कृषि, बागवानी, पशुपालन से जुड़ी उन्नत खाद, बीज एवं दवा के भण्डार खोलें और हर खत में कम से कम एक पशु चिकित्सक हो।
हर स्कूल, इंटर कॉलेज में उन्नत किस्म की शिक्षा व्यवस्था हो। सभी विषयों के शिक्षक एवं इनमें केन्द्रीय विद्यालय के मानकों पर आधारित प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय हों। जिनको लगातार समय के अनुसार आधुनिक बनाये जाएं।
सभी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था की जायें।
हर स्कूल में हाई स्पीड इंटर्नेट सुविधा और कम्प्यूटर हो।
गाँव-पहाड़ों उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए कोचिंग संस्थान हो, सभी विषयों के प्रोफ़ेसर हो, पुस्तकालय हों एवं फैकल्टी के लिए निवास स्थान भी बने।
हर चीज के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर और कतार नहीं लगानी पड़े ऐसी व्यवस्था हो। लोगों तक योजनाओं का लाभ उनके घर पहुंचे।
हर खत में बैंकिंग व्यवस्था की सुविधा या बैंक शाखा या पोस्ट ऑफिस शाखा कार्यालय को बैंकिंग सुविधाकूत अपग्रेड
कराकर सब पोस्ट ऑफिस बनाएँ।
सभी सरकारी अस्पतालों को उचीकृत किया जाय और उनमें बेसिक ट्रीटमेंट की सुविधा हो हर 40-50 किलो0 पर ट्रॉमा सेंटर और पूर्ण सुविधायुक्त हॉस्पिटल की सुविधा हों।
टूरिज्म, होम स्टे आदि को त्वरित गति से विकास।
बागवानी एवं ग्रीन हाउस सुविधा हिमाचल की तर्ज पर विकसित और वितरित।
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तकनीक का और अधिक उपयोग।
उत्तराखण्ड की चकराता सेलेक्शन (जो दुनियाँ की गिनी चुनी प्रजातियों मे से है और जिसको उत्तराखण्ड का गौरय भी कहते हैं) नाम की अखरोट प्रजाति को रीरार्च और बरंडिंग के दारा प्रचारित एवं बचीचे विकार के लिए कार्य करना।
पौध बनाने वाले सिस्टम की समीक्षा ताकी नई और ज्यादा लाभ वाली प्रजातियाँ अलग स्थानीय स्तर पर खोजी जाए।
बुराँस पर रीसर्च करके इसकी पौध तैयार करकेपौधारोपण करवाने के लिए प्रयास करना। इससे किसानों और उत्तराखण्ड की आर्थिकी को लाभ पहुँचाना ।
युवाओं को सही दिशा में ले जाने और नशे से दूर ले जाने/बचाने के लिए खास योजना
गाँव की जरूरत की स्किल और सुविधा की चैन हर गाँव में विकसित करना जैसे- ड्रेसिंग, ब्यूटी पार्लर, ऑटोमकैनिक- हवा पंचर, सब्जी, पलम्बर, इलेकिट्रशन, आदि।
खेलों की सुविधा स्कूल-कॉलोजों के अलावा, 50 किमी पर मल्टी पर्पज हॉस्टल युक्त खेल संस्थान।
पंतनगर यूनिवर्सिटी के सब-सेंटर हर भूभाग में खोलना।
हर गाँव के खेत खलिहान-सेरी, नेवड़े, खेडे, डांडे रोड़ों से कनेक्ट कराना।
पर्यावरण और साधनों को स्थानीय रोजगार युक्त बनाकर संवर्धित करना।
पंजीकृत कृषि भूमि और उसके डौढ़ बीटे में अगर किसान चाहे वो देवदार और अन्य उन्नत आमदनी देने चाले वृक्ष उगाएँ जिनकी डिजिटल शिनाक्त और रिकॉर्ड हो जिसे किसान उगा और कटवा सके।
एडवेंचर, हेल्थ एण्ड स्पिरिचूअल टुरिजम को बढ़ावा देना।
हरिपुर एवं कालसी (जिला देहरादून) को हरिद्वार एवं ऋषिकेश के तर्ज पर आध्यात्मिक एवं धार्मिक नगरी के रूप में इसके पुराने वैभव और आधुनिक जरूरत के अनुसार विकसित करना।
पटवारी कार्यालय हर खत या केन्द बिन्दु में खुलवाने के लिए प्रयास।
सरकारी विभागों के खाली पद योजनाबद तरीके से भरें जाय। और हर विभाग जो रिक्तियों निकाले उसका समय सीमा के अन्दर पूरी की जाय।
देहरादून करनपुर में जरजर हालत में st हॉस्टल का पून: निमार्ण कर मल्टी स्टोरी बिल्डींग हॉस्टल व साथ में पुस्तकालय का निर्माण करना।
क्षेत्र के किसानों व बागवानों की पानी की समस्या को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर पम्पिंग योजना को क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में स्थापित करवाने के लिए प्रयासा।