भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरलोहन टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीत लिया है। वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में लवलीना तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से (0-5) से गई। पहले राउंड में दोनों मुक्केबाजों ने आक्रामक शुरुआत की। हालांकि, शीर्ष वरीय बुसेनाज ने बेहतर प्रदर्शन किया और सर्वसम्मति से पहला राउंड अपने नाम किया। दूसरे राउंड में बुसेनाज ने अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन किया और भारतीय मुक्केबाज पर दबाव बनाकर रखा। वहीं तीसरे राउंड में भी लवलीना प्रभाव नहीं छोड़ सकी और सेमीफाइनल में हार गई। विश्व चैंपियन बुसेनाज ने सर्वसम्मति से मुकाबला जीता। लेकिन सेमीफाइनल में हार के बाद भी उन्हें कांस्य पदक मिलेगा। वह टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू और पीवी सिंधु के बाद पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बनी हैं।
मुक्केबाजी में विजेंदर सिंह ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में और एमसी मैरीकॉम ने 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। बता दें कि लवलिना 2018 और 2019 में हुए विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। इसके अलावा 2018 कॉमनेवल्थ गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। आपको यह भी जानकारी होनी चाहिए कि बॉक्सिंग में तीसरे स्थान के लिए मैच नहीं होता है। यानी बॉक्सिंग में सेमी फ़ाइनल में हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को कांस्य पदक दिया जाता है बॉक्सिंग के इसी नियम के आधार पर बीजिंग ओलंपिक में बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कांस्य जीता था और लंदन ओलंपिक में मेरी कॉम को भी इसी नियम के आधार पर कांस्य मिला था।
आज कांस्य पदक जीतकर लवलीना ने पूरी दुनिया में अपने देश का नाम रोशन कर दिया है। ऐसे में अपने देश में उनकी अहमियत बढ़ना भी लाजमी है। असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली लवलीना ओलंपिक में भाग लेने वाली असम की पहली महिला खिलाड़ी हैं। ओलंपिक जाने से पहले उनके घर पहुंचने वाले रास्ते हालत खस्ताहाल थी। टोक्यो जाने से पहले उनके घर के पास सड़क तक नहीं थी, लेकिन मेडल पक्का करने बाद यह सड़क बनकर तैयार हो गई है। असम सरकार जल्द ही लवलीना को उसका घर भी बनाकर देगी।