देहरादून : दो दिन पहले देहरादून कारगी में खुला ‘प्यारी पहाड़न रेस्ट्रो’ खासा चर्चाओं में है। दरअलस, कुछ लोगों को इस नाम में राजनीति करने के लिए चारा जैसा मिल गया। उन्होंने ये बताकर हंगामा किया गया कि इस नाम यानी ‘प्यारी पहाड़न’ नाम से रेस्ट्रो नहीं चलने देंगे, इस नाम से पहाड़न का नाम खराब हो रहा है, अब मामला किसी बाहरी लोगों द्वारा इस नाम से रेस्ट्रो खोलने का होता तो मामला समझ भी आता लेकिन जब रेस्ट्रो की मालिक भी एक पहाड़न ही है तो ऐसे में इन लोगों को कौन समझाए कि नाम तो सही है लेकिन तुम्हारी सोच में थोड़ा गड़बड़ है उसे सुधारने की जरूरत है।
दरअसल, मामले के सामने आने के बाद इस नाम से रेस्ट्रो चलानी वाली बहन प्रीति को सोशल मीडिया से लेकर हर जगह से सपोर्ट मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने देहरादून बंजारावाला रोड कारगी चौक से मुश्किल से 100 कदम की दूरी पर ‘प्यारी पहाड़न रेस्ट्रो के नाम से नया रेस्ट्रोरेंट खोला है। अपनी मेहनत की पाई-पाई जोड़कर एक सुन्दर रेस्ट्रोरेंट जिसका उन्होंने प्यारी पहाड़न नामा रखा। इसमें वह इंडियन तंदूर व चाइनीज व्यंजनों के पहाड़ी खाने को भी प्रमोट करना चाहती है वो भी फ्री होम डिलीवरी के साथ। इसके साथ ही वह चार लोगों अपने रेस्ट्रोरेंट में रोजगार दे रही हैं।
दो दिन पहले ही कुछ लोग जो अपने आपको क्रांतिकारी बता रहे थे रेस्ट्रोरेंट में घुसकर हंगामा और बखेड़ा भी खड़ा करने लगे। रेस्ट्रो में तोड़-फोड़ करने का भी प्रयास किया गया। अब सोशल मीडिया पर नाम को लेकर हो रही चर्चाओं में प्रीति को उत्तराखंड के लोगों का खूब सपोर्ट मिल रहा है। साथ ही मीडिया और समाज सेवक भी प्रीति के सपोर्ट में उतर आये हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में राजनीति करने के लिए कुछ भी करने वालों को पनपने नही दिया जाएगा।
प्रीति का कहना है कि देहरादून में कई ऐसे संस्थान पहाड़ के नाम से और उत्तराखंड के नाम से रखे गए हैं,उनका आज तक किसी ने विरोध नही किया, असल में जो लोग विरोध कर रहे हैं उनको पहाड़न शब्द का मतलब ही पता नहीं है, पहाड़न का मतलब है प्यारी बेटी जो हम गढ़वाल में बोलते है, और इसी पहाड़न के नाम से रोजगार शुरू किया। जिस पर कुछ राजनीतिक लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए मुझे परेशान कर रहे है।