यह मंदिर 800 वर्ष पुराना एवम् अल्मोड़ा नगर से लगभग 17 किमी की दुरी पर पश्चिम की ओर स्थित उत्तराखंड शैली से बना है, साथ ही अल्मोड़ा-कोसी मोटर मार्ग पर कोसी की ओर कटारमल गाँव में यह मंदिर स्थित है। यह मंदिर समुन्द्रतल से 2,116 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
यह सूर्य मंदिर उत्तराखंड राज्य में अल्मोड़ा जिले के “कटारमल” नामक स्थान पर स्थित है। इसी कारण इस मंदिर को “कटारमल सूर्य मंदिर” कहा जाता है।
कटारमल सूर्य मंदिर ना सिर्फ पुरे कुमाउं मंडल का सबसे विशाल , ऊँचा और अनूठा मंदिर है , बल्कि ओडिशा के “कोणार्क सूर्य मंदिर” के बाद एकमात्र प्राचीन सूर्य मंदिर भी है। यहाँ पर विभिन्न समूहों में बसे छोटे-छोटे मंदिरों के 50 समूह हैं। मुख्य मंदिर का निर्माण अलग-अलग समय में हुआ माना जाता है।
सूर्य मंदिर अपनी शानदार वास्तुकला, कलात्मक रूप से बने पत्थर और धातुकर्म और खूबसूरती से बनाये गए नक्काशी के खंभे और लकडियो के दरवाजे के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान मंडप और बाड़े के भीतर कई धार्मिक स्थलों का निर्माण बहुत बाद में किया गया है मंदिर में सूर्य की प्रतिमा (मूर्ति) 12 वी शताब्दी की है। (वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय , दिल्ली में रखी गयी है)