उत्तराखंड देवो की भूमि कहलाती है भैया दूज के पवित्र मौके पर बाबा केदार की पूजा के बाद विधि-विधान के साथ मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग एवं मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने प्रशासन की मौजूदगी में सुबह 8.20 मिनट पर कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होने पर दो हजार भक्त मौजूद थे।
कपाट बंद होते समय ऐसा चमत्कार हुआ जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया इस सदी में ऐसे चमत्कार भगवान के धरती पर आज भी मौजूद होने का प्रमाण है।
आपको बता दें कि शनिवार को जब भगवान केदारनाथ के गर्व का दरवाजा बंद किया जा रहा था तो तब काफी कोशिश के बाद भी दरवाजा बंद नहीं हुआ तो भगवान केदार के क्षेत्रपाल भकुंड भैरव का आह्वान करना पढ़ा।
बीकेटीसी के सीईओ बीडी सिंह और वयोवृद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने भगवान केदार के क्षेत्रपाल भकुंड भैरव का आह्वान किया। फिर क्या था, मात्र कुछ ही पल में भकुंड भैरव का चमत्कार देखने को मिला।
जब भरव की प्रतिमा द्वारा कुंड को स्पर्श किया गया तो वह दूसरे कुंडे पर जुड़ गया, जिसके बाद पदाधिकारियों व अधिकारियों की मौजूदगी में ताला लगाया गया। स्वयं बीकेटीसी सीईओ ने बताया कि शीतकाल में केदारनाथ धाम की सुरक्षा भगवान भैरवनाथ के भरोसे होती है।
इसके बाद डोली ने भक्तों के साथ ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया। रविवार को डोली गुप्तकाशी पहुंची। आपको बता दें कि 23 अक्टूबर को डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। ')}