‘कल हमारा भी सितारा चमकेगा आसमां को कोई ख़बर दे दें’ उत्तराखंड की गांव की बेटी ने इंजीनियर बनने से पहले कुछ ऐसी ही बात कही थी जो आज सच हो गई। अब विपरीत परिस्थितियों में इंजीनियर बनकर बेटी ने न सिर्फ अपने माता-पिता बल्की प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं जौनसार की प्रतिभावान बेटी लीला चौहान की।
लीला ने हायर एजुकेशन के लिए मिली स्कॉलरशिप से पीएचडी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। वर्ष 2018-19 में पीएचडी के दौरान ट्रेनिंग के लिए लीला चौहान विदेश दौरे पर फ्रांस गई उन्होंने तीन बार नेट क्वालिफाइ किया। 30 अक्टूबर 2019 को अंततः पीएचडी डिग्री पूरी हो गई। लीला की इस कामयाबी से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है।
लीला चकराता ब्लॉक के दूरस्त च्यामा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता सूरत सिंह खेती करते हैं। गरीबी में पली-बढ़ी लीला ने आज जो कामयाबी हासिल की है वह काबिले तारीफ है। इसके लिए उन्हें देश विदेश से बधाईयां मिल रही हैं। लीला पंतनगर से बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग और आइआइटी खड़कपुर से एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद पीएचडी इंजीनियर बनी हैं।
कुछ समय पहले फेसबुक पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा था- ‘कल हमारा भी सितारा चमकेगा आसमां को कोई ख़बर दे दे’ उनके इस कामयाबी के बाद उनकी यह पोस्ट फिर से वायरल हो गई। बेटी ने एक बार फिर क्षेत्र और प्रदेश का नाम दुनियां भर में रोशन जो किया है। लीला अब महिलाओं के सामाजिक उत्थान के लिए कार्य करना चाहती हैं। उन्हें हाल ही में उत्तराखंड काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने युवा साइंटिस्ट के खिताब से नवाजा है।
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