मिनी स्विटजरलैंड से विख्यात चोपता, बनियाकुण्ड एवं दुगलबिट्टा में अराजक तत्वों द्वारा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किये जाने पर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से वन दरोगा रुद्रप्रयाग, वन प्रभाग रेंज अगस्त्यमुनि व वन दरोगा गोपेश्वर की रेंज गुप्तकाशी को निलम्बित करने के आदेश दिये हैं। साथ ही अतिक्रमण को शीघ्र हटाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
दरअसल, कुछ अराजक तत्वों ने बिना अनुमति के ही वन पंचायत क्षेत्र मक्कू एवं उषाडा के अन्तर्गत चोपता, बनियाकुण्ड एवं दुगलबिट्टा में टैंट और भवन बना लिये हैं। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने उप जिलाधिकारी ऊखीमठ को जांच के निर्देश दिये।
जांच करने के बाद उप जिलाधिकारी ने बताया कि यह क्षेत्र वन प्रभाग अगस्त्यमुनि एवं केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर की रेंज गुप्तकाशी के नियंत्राणाधीन है, जिसमें वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने अतिक्रमण पर रोक लगाने की कोई कोशिश नहीं की।
साथ ही वन दरोगा केदारनाथ के अधीन नये भवन, टेन्ट लगे हैं जो कि सेन्चुरी क्षेत्र में पड़ता है। उन्होंने बताया कि जांच के समय अतिक्रमणकरियों एवं उपस्थित व्यक्तियों ने अपने बयान में कहा कि वन दरोगा केदारनाथ वन प्रभाग रघुवीर सिंह पंवार ने उनसे कहा कि यह उनका है और तुम चाहे पक्का मकान, दुकान बना लो, सरपंच का सैंचुरी में कोई अधिकार नहीं है।
चोपता में दरोगा श्री पंवार द्वारा जयवीर सिंह के दो कमरे का पक्का लेंटर वाला मकान बनवाया गया तो बनियाकुण्ड व चोपता आदि जगहों पर टैंट और पक्के घर बनाए गये है, वह भी वन दरोगा पंवार द्वारा यह कहकर बनाए गए हैं कि वन पंचायत मक्कू में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के अन्तर्गत बना लो।
जो भी अतिक्रमण टैन्ट व पक्के हट बनाए जा रहे हैं वे वन दरोगा श्री पंवार द्वारा बनाए जा रहे हैं जबकि चोपता में शौचालय व चिकित्सालय की एमआरपी बनाने नहीं दी जा रही है।
क्षेत्र के अन्य व्यक्तियों को पक्की दुकान, मकान बनाने दिए जा रहे हैं। वह क्षेत्र सैन्चुरी में पडता है। वन दरोगा श्री पंवार अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। अराजक तत्व क्षेत्र में बडे़ पैमाने पर अतिक्रमण कर रहे हैं, जिसमें विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता संदेह के घेरे में है।
प्रकरण को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने तत्काल प्रभाव से वन दरोगा रुद्रप्रयाग, वन प्रभाग रेंज अगस्त्यमुनि व वन दरोगा गोपेश्वर की रेंज गुप्तकाशी को निलम्बित करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अन्य जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर अतिक्रमणकारियों द्वारा किये गए अतिक्रमण को तत्काल नियमानुसार हटाने के निर्देश दिए। ')}