देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के वर्ष 2022 की परिषदीय परीक्षा में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के 8 छात्र-छात्राओं को प0 दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया।
परिषदीय परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यभर के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के तीन-तीन विद्यालयों को मुख्यमंत्री ट्रॉफी एवं पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने-अपने विद्यालयों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सौ से अधिक शिक्षकों के साथ मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों ने बोधिसत्व मंथन शैक्षिक संवाद स्थापित किया, जिसमें शिक्षकों ने अपने-अपने कार्यां से अवगत कराते हुये सुझाव रखे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों को सही मायने में देश का भविष्य बनाने वाला बताते हुए कहा कि शिक्षकों को भगवान का दर्जा प्राप्त है। शिक्षक समाज की क्रीम हैं। ओपिनियन मेकर हैं। शिक्षा की बेहतरी तथा सामाजिक जन जागरूकता के लिये शिक्षकों के द्वारा किये जाने वाले प्रयास छात्रों के साथ अभिभावकों तक पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर नवाचार का है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि किसी भी प्रकार की आपदा महामारी एवं दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चों की स्कूली शिक्षा (कक्षा 1 से 12वीं तक) की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा किये जाने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना प्रारम्भ की जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत बच्चों को पुस्तकें, गणवेश, बैग, जूते एवं मोजे, लेखन सामग्री आदि निशुल्क दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बोधिसत्व मंथन शिक्षक संवाद कार्यक्रम में शिक्षकों द्वारा जो बहुमूल्य सुझाव प्रदान किये गये उसके अनुरूप शैक्षणिक परिवेश विकसित करने हेतु राज्य सरकार खुले मन से विचार कर प्रभावी कदम उठाऐगी। उन्होंने अपेक्षा की कि शिक्षा निदेशालय स्तर पर एक ऐसा प्रकोष्ठ गठित किया जाय जिसमें शिक्षक एवं शिक्षा प्रेमी, शैक्षणिक उन्नयन हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान कर सकें तथा सकारात्मक सुझावों पर तत्परता से कार्यवाही के साथ ही प्रदेश को एक नई दिशा प्रदान की जा सके।