मुक्तेश्वर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसा एक छोटा सा गांव है जो कुमांऊ की पहाड़ियों के बीच 7500 फीट की ऊंचाई पर बसा है। मुक्तेश्वर खूबसूरती को अपने में समेटे हुए हिमालय की गोद में प्रकृति का घर है। देवदार के जंगलों के बीच खूबसूरत कैंप्स, पहाड़ी फलों से लदे पेड़, मंदिर, झरना, ट्रैकिंग के लिए खास जगहों का होना मुक्तेश्वर को भरपूर पर्यटक स्थल बनाते हैं। अगर आप भी अडवेंचर के अनुभवों को हकीकत में जीना चाहते हैं तो आपको भी एक बार मुक्तेश्वर जरूर जाना चाहिए।
मुक्तेश्वर देवदार, बंज, खारसु, तिलोंज, कफल, पाइन, यूटीस और मेहल के सुंदर और घने आरक्षित वनों से घिरा है। खासकर गर्मियों में यहां जंगली फल, जामुन (किलमोरा, गहिंदरी और हर्षु) खाने का आनंद लिया जा सकता है। साथ ही खूबसूरत भालूगढ़ झरने का दीदार करने को मिलेगा। सर्दियों में बर्फ पड़ने पर भी आप मुक्तेश्वर आ सकते हैं। अगर आप यहां बर्फबारी देखने चाहते हैं तो जनवरी-फरवरी के बीच का प्लान भी बना सकते हैं। वैसे मार्च से जुलाई के बीच यहां यात्रा करना सबसे सही समय है, आइये जानते हैं वे तीन जगहें जो यहां आकर जरूर देखनी चाहिए-
भालूगाड़ का झरना-
मुक्तेश्वर से धारी गांव के बीच 7 किलोमीटर का सफर तय करें और फिर वहां से घने जंगलों के बीच ट्रेकिंग शुरू होती है जो आपको खूबसूरत झरने तक ले जाएगी। नेचर लवर और बर्ड वॉचिंग पसंद करने वालों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है।
चॉली की जाली-
कपिलेश्वर मंदिर के बगल से जाने वाला पहाड़ी रास्ता आपको सीधी खड़ी चट्टानों तक ले जाता है जिसे स्थानीय भाषा में चॉली की जाली कहते हैं। यहां एक गहरी खाई है और यहां से हिमालय के पहाड़ और कुमाऊं घाटी का मनोरम दृश्य दिखता है। आप यहां रॉक क्लाइम्बिंग, जिप-लाइनिंग और रैपलिंग जैसे अडवेंचर स्पोर्ट्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
कपिलेश्वर मंदिर-
भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए बेहद खूबसूरत 9 किलोमीटर का पहाड़ी सफर तय करना पड़ता है। लेकिन अगर आप इतनी दूर पैदल चलना नहीं चाहते हैं तो सड़क मार्ग के जरिए भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यह मंदिर कुमिया और सकुनी नदियों के मुहाने पर स्थित है।
कैसे जाएं मुक्तेश्वर-
मुक्तेश्वर जाने का बेस्ट तरीका सड़क मार्ग ही है। दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा मुरादाबाद-हल्द्वानी-काठगोदाम-भीमताल होते हुए लगभग आठ घंटे की ड्राइव करके मुक्तेश्वर पहुंचा जा सकता है। मुक्तेश्वर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है। रेल मार्ग से यात्रा करने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है मुक्तेश्वर से यह 73 किलोमीटर दूरी पर है। मुक्तेश्वर में ठहरने के ढेरों ऑप्शन्स मौजूद हैं। आप चाहें तो बजट होटल, बूटीक प्रॉपर्टी या फिर कैंप्स में ठहर सकते हैं।