नैनीताल हाईकोर्ट से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। आज उत्तराखण्ड हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्थानीय निकायों के सीमा विस्तार की अधिसूचना को निरस्त किया गया है। सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा है कि राज्यपाल के पास नोटिफ़िकेशन न भेजे जाने के कारण यह नोटिफिकेशन ख़ारिज हुआ।
उनका कहना है कि इस मामले पर अब सरकार हायर बेंच में अपील करेगी।न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया की एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को सुनने के बाद 8 मई को इस मामले पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था। अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सीमा विस्तार की अधिसूचनायें निरस्त किये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश की अहंकारी भाजपा सरकार के गाल पर ये करारा तमाचा है।
श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की आशंका को आज माननीय उच्च न्यायालय के आदेश ने सच साबित कर दिया है कि अपनी सुनिश्चित हार को देखकर प्रदेश की भाजपा सरकार की मंशा चुनाव कराने की नहीं थी। इसीलिए जानबूझ कर असंगत तरीके से नगर निकायों का सीमा विस्तार किया गया ताकि पूरी प्रक्रिया कानूनी झमेले में फंस जाये और स्थानीय निकाय चुनावों को समय पर किया जाना बाधित हो जाये। उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि प्रदेश में स्थानीय निकाय स्तर पर जनता की सरकारें स्थापित हो सकें और प्रदेश सरकार प्रशासकों के माध्यम से अपनी मनमानी स्थानीय निकायों में कर सके। ')}