पहाड़ों पर हो रही आफत की बारिश ने जीना बेहाल कर दिया है। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बरसात की वजह से गौला नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। नैनीताल-अल्मोड़ा में सड़क मार्ग बंद होने के चलते राहत-बचाव कार्य में देरी होने वजह से अब सेना की मदद भी ली जा रही है। नैनीताल जनपद में कई राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह बाधित हो गए जिन्हें लगातार खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं।
नदी में फंसा हाथी-
कोसी नदी की बाढ़ से रामनगर बल्दिया पडाव पेयजल प्लांट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया प्लांट में बाढ़ का पानी व मलवा घुसा, इलाके में बिजली के पोल पोल बह गए।
खटीमा, सितारगंज, चोरगलिया को हल्द्वानी शहर से जोड़ने वाला गौला पुल का बड़ा हिस्सा गौला नदी के बहाव के कारण टूट चुका है।
तेज मूसलाधार बारिश की वजह से उत्तराखंड में लगभग 150 से ज्यादा मार्ग बंद हो गए हैं। राष्टीय राजमार्ग बद्रीनाथ रडांग बैंड, बेनाकुली, लामबगड, गोविन्दघाट, हाथी पर्वत, पागलनाला, छेत्रपाल, गुलाबकोटी, बाबा आश्रम, गौचर स्लाइड के पास अवरूद्ध है। थराली ग्वलादम मार्ग बन्द है। इसमार्ग पर फंसें तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है।
यमुनोत्री हाईवे बंद होने से रास्ते में तीर्थयात्रियों के कई वाहन फंसे हुए हैं, लेकिन यहाँ स्थिति इतनी चिंताजनक नहीं है, सभी मार्गों को खोला जा रहा है। रुद्रप्रयाग जनपद में भी सभी मार्ग खोले जा चुके हैं लेकिन यात्रा करना काफी खतरनाक बना हुआ है।
प्रदेश के पहाड़ों पर हो रहे लगातार बारिश से मैदानी क्षेत्रों में भी नदी/नालों का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हरिद्वार में भी गंगा खतरे के निशान के करीब बह रही है। इसलिए पुलिस लोगों से अपील कर रही हैं कि नदी/नालों/रोखड़ो को पार करने तथा उसके किनारे पर जाने से बचें।