दादा की प्रेरणा और देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर गांव डबरालस्यू, पौड़ी गढ़वाल निवासी प्रत्युष डबराल शनिवार को IMA से पासआउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बने। उनके लेफ्टिनेंट बनते ही उनके परिवार के सभी सदस्यों में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रत्युष के पिता दिनेश डबराल और माता रंजना डबराल की मौजूदगी में पासिंग आउट परेड के बाद स्टार लगाकर लेफ्टिनेंट के पद से प्रत्युष को नवाजा।
उनके पिता ने कहा कि प्रत्युष बचपन से ही होनहार है। वे स्कूल में मेधावी छात्र रहे हैं। बोर्ड परीक्षा में प्रत्युष ने 94 फीसदी अंक प्राप्त किए थे। जबकि एनडीए की परीक्षा में पहली ही बार में सफलता भी हासिल की थी। बता दें कि प्रत्युष के पिता उत्तराखंड वन विकास निगम से सीनियर ऑडिटर के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि उनकी माता एक शिक्षिका हैं। प्रत्युष के दादा स्व. सचिता नन्द डबराल सेना में रहे, प्रत्युष का सपना भी देश की सेवा करने का बन गया। आज प्रत्युष का यह सपना पूरा हो गया और अब वह सेना में बतौर बड़ा अधिकारी बनकर देश की सेवा करेगा।
बता दें कि भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को कड़े प्रशिक्षण के बाद पासिंग आउट परेड (पीओपी) की अंतिम पगबाधा को पार करते हुए 319 युवा अफसर बतौर लेफ्टिनेंट शरहद की निगहबानी के लिए भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए। जिसमें पौड़ी के प्रत्युष डबराल डबराल भी शामिल थे, बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली। राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक परेड में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को शामिल होना था। उनके निधन के चलते परेड के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर मार्चपास्ट, अवॉर्ड ड्रिस्ट्रीब्यूशन, पीपिंग और ओथ सेरेमनी की रस्म को सादगी के साथ आयोजित किया गया।