उत्तराखंड में एक ऐसा अनोखा गांव भी है जहां रामलीला के सभी किरदार महिलाएं निभाती हैं, गांव में लड़के रोजगार के लिए पलायन कर गए तो क्या हुआ लड़कियों ने इस बागडोर को भी अपने कंधे ले लिया, जी हाँ टिहरी जिले के थाती बूढाकेदार गांव में रामलीला का मंचन लडकियां करती हैं। उत्तराखंड का यह पहला गांव है जहां रामलीला के सभी किरदार लडकियां निभाती हैं। वर्ष 1980 में इसकी शुरूआत की गई। अभी तक कई बार लडकियों द्वारा रामलीला का मंचन किया गया।
टिहरी जनपद का बूढाकेदार एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां की खासियत यह है कि देश के अन्य हिस्सों में जहां आश्विन माह में दशहरे के समय रामलीला का आयोजन होता है वहीं बूढाकेदार में मंगशीर के महीने में रामलीला का मंचन किया जाता है।
शुरूआत में यहां पर कुछ सालों तक लडकों ने रामलीला का मंचन किया, लेकिर धीरे-धीरे गांव के युवा रोजगार की तलाश में बाहर चले गए। गांव में लड़कों की कमी होने लगी, जिस कारण कई सालों तक गांव में रामलीला का मंचन नहीं हो सका।
ग्रामीणों को भी इसका दु:ख बड़ा दुःख था। जब सालों से गांव में रामलीला नहीं हुई तो गांव की पढी-लिखी लडकियां इसके लिए आगे आई। इसके लिए ग्रामीणों ने उनका भरपूर सहयोग किया और वर्ष 1980 में अवतार सिंह नेगी के सहयोग से इसकी शुरूआत हुई।
रामलीला के पहले मंचन में ही लडकियों ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी और तब से आज तक सात बार लडकियों ने रामलीला का मंचन किया है। उत्तराखंड का यह पहला और शायद एकमात्र गांव है जहां लड़कियां रामलीला का मंचन करती है।
लड़कियों की इस रामलीला को देखने के लिए जिले से बाहर के लोग भी यहां पहुंचते हैं। लडकियों की रामलीला न केवल क्षेत्र में बल्कि राज्य के अन्य क्षेत्रों में प्रसिद्व है। इस साल
भी मंगशीर की दीपावली पर गांव में लड़कियों द्वारा रामलीला मंचन किया जा रहा है।। ')}