उत्तराखंड रामनगर के भरतपुरी से निकला एक युवा सात समंदर पार अमेरिका के प्रतिष्ठित जॉर्जिया विश्वविद्यालय में सुर्खियों में है। Jitendra Pant( जितेन्द्र पंत) वहां बायोमेडिकल क्षेत्र में शोध कर रहे हैं, और वर्तमान में यूएसए में साइंटिस्ट ( बायोमेडिकल इंजिनियरिंग) हैं।
आठवीं के बाद लगभग सारी पढ़ाई छात्रवृत्ति से करने वाले जितेन्द्र पंत लीडरशिप संस्था टोस्टमास्टर इंटरनेशनल के जरिये व्यक्तित्व निर्माण के कामों से जुड़े हुए हैं। उनका शुरुवाती जीवन बहुत साधारण था। उनके पिता फॉरेस्ट विभाग में गार्ड थे और उनकी माताजी भी एक साधारण ग्रहणी थी।
आर्थिक तंगी के कारण उनकी मां पांचवी कक्षा के बाद नहीं पढ़ सकी, अपने जीवन की शुरुआत में ही या ये कहे कि जबसे जीवन की समझ हुई जीतेन्द्र समझ चुके थे कि शिक्षा ही उनके परिवार के लिए नाम कमाने और कुछ बदलाव लाने की एकमात्र उम्मीद है।
अपने माता पिता के आशीर्वाद और बहनों के समर्थन की बदौलत जितेन्द्र यूनिवर्सिटी ऑफ जार्जिया, अमेरिका में PhD में दाखिला लेने में कामयाब हुए। साथ ही उन्हे PhD के लिए 1.5 करोड़ के लगभग छात्रवृति भी मिली, उन्हे अपने PhD के काम के लिए खूब सराहना मिली है ।
अपनी phd के दौरान उन्होंने अपने काम को पंद्रह से अधिक अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित किया और सात पेटेंट अमेरिकी पेटेंट ऑफिस में दायर किए। साथ ही बीस से अधिक पुरूस्कार जीते और कई लेक्चर भी दिए, जिनमे से TEDx अहम है।
इसके साथ – साथ जितेन्द्र नौ अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के लिए एक समीक्षक के रूप में भी काम कर रहे हैं और एक इंग्लैंड की विग्यान पत्रिका के संपादक सदस्य भी हैं । आपको जानकर गर्व होगा कि PhD से पहले जितेन्द्र एशिया की सबसे बड़ी बायोटेक्नो कंपनी, बायोकॉन में भी साइंटिस्ट के पद पर काम कर चुके हैं और भारत के नंबर एक निजी विश्वविद्यालय बिट्स-पिलानी से M. Tech की डिग्री भी ले चुके हैं।
हाल ही में अपने phD के दीक्षांत समारोह में उन्हे वक्ता के रूप में संबोधन के लिए चुना गया था जिसमे उन्होने बड़े ही शानदार तरीके से कई विफलताओं के बाद सफलता की और बढ़ते अपने सफर का वर्णन किया। जितेन्द्र इसका श्रेय अपनी कड़ी मेहनत, जीवन के प्रति सकारात्मक सोच और अपने परिवार को देते हैं।
जितेन्द्र पंत अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत के कई कॉलेजों में लेक्चर देकर आज के युवाओं में जोश भरने का काम कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया में उत्तराखंड का लाल खूब नाम कमा रहा है, ऐसी प्रतिभाओं पर उत्तराखंड को नाज है.. जय उत्तराखंड।
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