चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट आज ब्रह्ममुहूर्त में खोल दिए गए हैं। पुजारी और कुछ गिने चुने भक्तों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान् रुद्रनाथ जी के दर्शन किए और भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की। हिमालय के मखमली बुग्यालों के बीच स्थित पंच केदार में शामिल भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली तीन दिन की कठिन पैदल यात्रा के बाद धाम पहुंची थी।
कोरोना महामारी के चलते सिर्फ 20 लोगों को ही इस यात्रा में शामिल होने की अनुमति मिल पाई, सभी ने मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। बता दें कि तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट 20 मई को खोले जाने हैं इसके लिए भगवान तुंगनाथ की डोली आज उनके शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ से प्रस्थान करेगी।
रुद्रनाथ मंदिर की महत्वपूर्ण जानकारियां-
- रुद्रनाथ मन्दिर चमोली जिले में स्थित भगवान शिव का एक मन्दिर है जो कि पंचकेदार में से एक है।
- रुद्रनाथ मंदिर को चतुर्थ केदार के रूप में पूजा जाता है।
- समुद्रतल से इस धाम की ऊंचाई 2290 मीटर है।
- रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के एकानन यानि मुख की पूजा की जाती है।
- यहाँ पूजे जाने वाले शिव जी के मुख को ‘नीलकंठ महादेव’ कहते हैं।
- इस मंदिर का ऐतिहासिक लौह त्रिशूल भी आकर्षण का केंद्र है।
- गुफा में बने मंदिर में शिव गर्दन टेढ़े किये हुए विराजमान हैं, यह दुर्लभ मूर्ति स्वयंभू है, यानी अपने आप प्रकट हुई है और अब तक इसकी गहराई का पता नहीं लग पाया है।
- मंदिर के एक ओर पांच पांडव, कुंती, द्रौपदी के साथ ही छोटे-छोटे मंदिर मौजूद हैं।
- शीतकाल में छह माह के लिए रुद्रनाथ(नीलकंठ महादेव) की गद्दी गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में लाई जाती है।
- यहां आने का सही समय अगस्त से सितंबर होता है, जब यहां खिले फूलों से लबालब घाटियां लोगों का मन मोह लेती हैं।