रुद्रप्रयाग: अमकोटी-त्यूंखर मोटर मार्ग पर पिछले साल बरसात में एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन करीब 6 माह बाद भी पुल को सही किया जा सका है। वाहन न चलने से धान्यों, मरगांव, नौसारी, कोटी, त्यूंखर, घरड़ा, थापली, सुनार गांव और घुराण गांव से संपर्क पूरी तरह टूटा हुआ है।
ग्रामीणों की समस्या का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी महोदय रुद्रप्रयाग ने इस पुल की मरम्मत के निर्देश दिए थे लेकिन लापरवाही की हद तो देखिये लोक निर्माण विभाग द्वारा मरम्मत कार्य शुरू तो किया जाता है लेकिन फिर बिना कारण कार्य को आधे में ही छोड़ दिया जाता है। पहले तो पुल पर लोग पैदल निकल जाते थे लेकिन अधूरी मरम्मत के बाद जिस स्थिति में यह पुल है उसमे यह भी संभव नहीं है। वहीं, नदी के किनारे बनाया रास्ता दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहा है, मजबूरी में पगडंडियों से पुल पार करना भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। समझ से बाहर है कि ऐसी स्थिति में आधे अधूरे पुल को कैसे छोड़ा जा सकता है।
पुल तैयार नहीं होने के कारण ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं को आवाजाही में खासी दिक्कत हो रही है। इसके अलावा ग्रामीणों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की परीक्षाएं भी शुरु होने वाली हैं, उन्हें दूर-दूर तक परीक्षा देने जाना होता है। बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने सहित कई परेशानियां सामने आ रही हैं।
ग्रामीण जन प्रतिनिधियों के सामने भी अपनी शिकायत रख चुके हैं बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होती। वैसे तो पुल के पुन: निर्माण कराने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं लेकिन पुर्निर्माण तो छोड़िये अधिकारियों की लापरवाही के कारण पुल की मरम्मत तक नहीं हो पा रही है। जिसने ठेका लिया उसका भी पता नहीं, ग्रामीणों ने विधायक भरत चौधरी पर भी रोष व्यक्त किया उन्होंने कहा कि विधायक महोदय भी हमारी मांग पर ध्यान नहीं दे रहे। ग्रामीणों ने इस मामले में ग्राम प्रधान बुढ़ना को भी अपनी समस्याओं से कई बार अवगत कराया लेकिन वो भी आगे कहीं बात नहीं पहुंचा पा रही, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुख भी सिर्फ नाम मात्र के ही रह गए हैं, अब हमारी कौन सुनेगा?
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