7 साल का दिव्यांशु कंडारी जनता के अभूतपूर्व आर्थिक सहयोग तथा सच्चे दिल से की गई प्रार्थना के असर के कारण दिव्यांशु देहरादून के कैलाश हॉस्पीटल से ठीक होकर घर लौट चुका है। सोशल मीडिया पर ‘सेव दिव्यांशु’ मुहीम में मुख्य भूमिका निभाने वाले राकेश नाथ ने फेसबुक पर विव्याशु की तस्वीर शेयर कर सभी लोगों का दिल शुक्रिया किया है।
आपको जानकारी होगी कि 6 अक्टूबर से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था, एक हाथ को शरीर से अलग करना पड़ा देहरादून सरस्वती विहार में 6 अक्टूबर को बिजली की 11000 वोल्ट की हाईटेंशन तारो की चपेट में आने से दिव्यांशु का सिर से लेकर पाँव तक पूरा शरीर बुरी तरह से झुलस गया था। दिव्यांशु की उस समय की तसवीरें बिचलित कर देनी वाली थी।
दिव्यांशु को कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, डॉक्टरों ने दिव्यांशु को बचाने के लिये उसके हाथ को शरीर से अलग करने का फैसला किया। जिसके बाद दिव्यांशु पर खर्च होनी वाली रकम अनुमानतः 20 लाख से जादा हो रही थी। पिता गरीब हैं, ऐसे में इलाज के लिए इतने पैसे इक्कठा करना नामुमकिन काम था। दिव्यांशु को रोज एक बोतल खून चढ़ता था, जिस से आप अनुमान लगा सकते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर थी।
राकेश नाथ की सोशल मीडिया पर ‘सेव दिव्यांशु’ मुहीम से लेकर कई अन्य लोगों ने लाखों रूपये की मदद की। जिसके बाद इलाज के लिए जरूरी रुपया मुहया कराया जा सका। कैलाश हॉस्पिटल के बर्न स्पेशलिस्ट डॉ0 हरीश चंद्र घिल्डियाल दिव्यांशु का सफल ईलाज किया। जिसकी बदोलत आज दिव्यांशु अपने घर पर है।
दिव्यांशु के पिता दौलत सिंह कंडारी देहरादून में एक प्राईवेट स्कूल में ड्राइवर है और अपने बेटे के ईलाज के लिये अपना सब कुछ लुटा चुके वे टिहरी जिले के गांव- रिगोली पट्टी लोस्तु बडियार के रहने वाले है। बेटे को घर लोटने पर पिता की आँखों में खुशी देखनी लायक थी। ')}