पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ में शहीद दून के मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार रात उनके नेशविला रोड स्थित आवास पहुंचा। सेना के जवानों के कंधे पर तिरंगे से लिपटे ताबूत में घर पहुंचे बेटे को देखकर परिजन बिलख पड़े।
सुबह जहां सन्नाटा पसरा था, वहां एकाएक कोहराम मच गया। वहां मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई। शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को आज अंतिम विदाई दी जाएगी।
शहीद के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। यहां से पार्थिव शरीर सैन्य अस्पताल और फिर उनके नेशविला रोड स्थित आवास लाया गया। जहां तिरंगे में लिपटा शव देख परिजन बिलख उठे। शहीद की मां सरोज रो-रोकर बेसुध हो गई। वहां मौजूद लोगों ने बमुश्किल उन्हें संभाला। वहीं बहन वैष्णवी व पत्नी निकिता के आंसू भी थम नहीं रहे थे। शहीद की पत्नी, मां, दादी और बहनों ने उनके आखिरी दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी। अंतिम दर्शन के समय पत्नी ने शहीद की तस्वीर को नमन किया। फिर उनके पार्थिव शरीर को चूमा, ‘आई लव यू’ कहा और एक टक देखती रही। इसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर अंतिम यात्रा के लिए ले जाया गया।
परिजनों का करुण विलाप सुनकर वहां मौजूद लोगों की भी आंखें भर आईं। इस हृदय विदारक दृश्य को देख हर आंख नम थी। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सोमवार सुबह सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में देहरादून के मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल समेत चार जवान शहीद हो गए।
मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल का घर देहरादून के नेश्विवला रोड के 36 डंगवाल मार्ग में हैं। मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। बीते साल अप्रैल में उनकी शादी कश्मीरी पंडित निकीता कौल से हुई थी। पिताजी स्व ओमप्रकाश ढौंडियाल कंट्रोलर डिफेंस एकाउंट आफिस में थे। 2012 में उनका निधन हो गया था। घर में अभी दादी व मां मौजूद हैं।
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