सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्रा.लि. (सीएमआईई) ने हाल में भारत में राज्यवार बेरोजगारी दर की ताजा सर्वे रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में अप्रैल में बेरोजगारी दर 5.3 प्रतिशत हो गई जो कि मार्च में 3.5 प्रतिशत थी यानी बेरोजगारी दर में 1.8 फीसद का इजाफा हुआ है। सीएमआईई की वेबसाइट पर दर्ज सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में अगस्त 2021 को सबसे अधिक 6.2 प्रतिशत बेरोजगारी दर थी जो सितंबर में 4.1 फीसद, अक्टूबर 3.3 फीसद नवंबर में सबसे कम 3.1 फीसद थी। सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी में यह दर 3.5 प्रतिशत थी फरवरी में यह बढ़कर 4.6 फीसद हो गई मार्च में घटकर 3.5 प्रतिशत जबकि अप्रैल में एक बार फिर बढ़कर 5.3 प्रतिशत पहंच गई है।
दूसरे राज्यों की तुलना में उत्तराखंड बेरोजगारी में 16वां स्थान है। लेकिन पड़ोसी राज्य हिमाचल की बेरोजगारी दर उत्तराखंड से काफी कम रही हिमाचल की बेरोजगारी दर 0.2 फीसद है, जो उत्तराखंड की 5.3 की तुलना बहुत कम है, बता दें कि हिमाचल और उत्तराखंड एक जैसे ही पहाड़ी राज्य हैं और दोनों राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियां भी समान ही हैं लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकारी नौकरियों में धीमी रफ़्तार व बढ़ती कीमतों के बीच रोजगार के अवसर प्रभावित हो रहे हैं। इसके अलावा भी कई कारण हैं प्रदेश में 2017 में जो बेरोजगारी दर एक फीसदी से नीचे थी कोविड काल के बाद इसमें बहुत अधिक इजाफा हुआ और अब यह दर घटने का नाम ही नहीं ले रही बल्कि समय के साथ-साथ समस्या बढ़ती ही जा रही है यह चिंता का विषय है। बता दें कि देश में हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर 34.5 फीसदी दर्ज की गई है, इसके बाद राजस्थान में 28.8 फीसदी और बिहार में 21.1 फीसदी दर्ज की गई। इस बीच, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम में बेरोजगारी सबसे कम थी, जहां बेरोजगारी दर क्रमशः 0.2 प्रतिशत, 0.6 प्रतिशत और 1.2 प्रतिशत थी।
पूरे देश की बात करें तो शहरों में बेरोजगारी दर मार्च के 8.28 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 9.22 फीसदी हो गई है। वहीं ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर मार्च के 7.29 फीसदी से कम होकर अप्रैल में 7.18 फीसदी पर आ गई है। बता दें कि सीएमआईई 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का सर्वे करता है। उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी एकत्रित करता है। इसके बाद जो परिणाम सामने आते हैं उनके आधार पर बेरोजगारी रिपोर्ट तैयार की जाती है। अप्रैल महीने में 5.3 प्रतिशत बेरोजगारी रहने का मतलब होता है कि वहां हर 1000 लोगों में से 53 लोगों के पास कोई काम नहीं है।