आम तौर पर विक्रेता जीएसटी से बचने के लिए पक्का बिल देने से परहेज करते हैं तो वहीं ग्राहक भी बिल को बहुत अहमियत नहीं देते। इससे सरकार के टैक्स कलेक्शन और राजस्व पर सीधे सीधे असर पड़ता है।
अब इस ट्रेंड को कम करने के लिए राज्य सरकारें लोगों को जागरूक कर रही हैं, उन्हें खरीदारी पर जीएसटी बिल लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी इसे देखते हुए जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना की घोषणा की थी,जिसके बाद लगातार gst कलेक्शन में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
इसे कैबिनेट की मंजूरी पिछले वर्ष मिली, उत्तराखंड सरकार ने नौ सितंबर 2022 को हुई कैबिनेट बैठक में जीएसटी बिल लाओ इनाम पाओ योजना शुरू करने की घोषणा की थी जिसके माध्यम से सरकार राज्य में ग्राहकों को सामान खरीद बिल लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है, ताकि राज्य में जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोत्तरी हो सके।
योजना के अंतर्गत ग्राहक जीएसटी बिल दिखाकर ग्राहक स्मार्टफोन, स्मार्ट वॉच, स्कूटर-कार जैसे आकर्षक इनाम जीत सकता है। सरकार का मानना है कि इनाम के लालच में ग्राहक खरीदारी के बाद जीएसटी बिल लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
कोई ग्राहक खरीदारी के पश्चात जीएसटी बिल लेता है तो उसे इनाम किस प्रकार प्राप्त होगा? तो आपको बता दें कि यह सब एक एप (app) के जरिए संभव होगा। वित्त विभाग की ओर से सामान का बिल भेजने के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया जाएगा। योजना में आकर्षक लकी ड्रा और मेगा ड्रा के लिए ग्राहकों को 200 रुपये से अधिक बिल BLIP UK app पर अपलोड करने होंगे।
इस पर सामान की खरीदारी करने के पश्चात ग्राहक जीएसटी बिल लेकर इसे एप पर अपलोड करेगा। प्राप्त होने वाले बिलों की लाटरी निकाली जाएगी, जिसके विजेताओं को आकर्षक इनाम प्रदान किए जाएंगे। उत्तराखंड जीएसटी कलेक्शन के मामले में देश भर में 17वें स्थान पर रहा है।
जुलाई में उत्तराखंड का जीएसटी कलेक्शन केवल 1,390 करोड़ रूपए रहा। वहीं, पूरे देश की बात करें तो कुल कलेक्शन जुलाई माह में 1,06,580 करोड़ रुपए रहा। इसमें 22,129 करोड़ रूपए की जीएसटी वसूली के साथ महाराष्ट्र सबसे पहले स्थान पर था, जबकि कर्नाटक 9,795 करोड़ एवं गुजरात 9,183 करोड़ की जीएसटी वसूली के साथ क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।