उत्तराखंड का एक खुबसूरत शहर जिसकी खूबसूरती आज हम दुनिया को दिखने जा रहे हैं, आपको भी अच्छा लगे तो इसे शेयर जरूर कीजियेगा। चारों तरफ पहाड़ियां और बीच में है पौड़ी। पौडी समुद्र तल से लगभग 1814 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जो कि 5,440 वर्ग किलोमीटर के भौगोलिक दायरे में बसा है।
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उत्तराखंड के अन्दर भी अलग-अलग जगहों की अलग-अलग रीतियां होती हैं, पौड़ी भी अपने रीती रिवाजों और खूबसूरती से सबसे अलग शहर है। ये शहर इतना मनोरम है कि बार बार आपको अपनी तरफ खींच लाएगी।
चीड़ व देवदार के जंगलों से घिरा उत्तराखंड का खूबसूरत हिल स्टेशन पौड़ी कंडोलिया पहाड़ियों की ढलानों पर स्थित है। रांसी, कंडोलिया, नाग देव, द्वारिखाल आदि यहां के कई खूबसूरत पिकनिक स्पॉट्स हैं। देवदार व चीड़ के जंगलों और झरनों के निकट आप अपने परिवार व दोस्तों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिता सकते हैं।
बुबाखाल, चौखंभा पहाड़ी, कंकालेश्वर मंदिर, यहाँ पर शानदार घूमने की जगह हैं। श्रीनगर, खिरसू, अड़वानी, बिंसर महादेव,कण्वाश्रम, दूधातोली, ज्वाल्पा देवी मंदिर,नीलकंठ महादेव, ताड़केश्वर मंदिर, डांडा नागराज मंदिर, राजेश्वरी देवी मंदिर और ताराकुण्ड भी यहाँ से महज कुछ किमी की दूरी पर हैं।
जितना ये शहर खुबसूरत है, यहां बसने वाले लोग भी उतने ही खुबसूरत होते हैं। पौड़ी शहर में त्योंहारों मैं साल्टा महादेव का मेला, देवी का मेला, भौं मेला सुभनाथ का मेला और पटोरिया मेला प्रसिद्द हैं। यहां रहने वाले लोगों ने खूब तरक्की की है। पूरे भारत में आज के समय में पौड़ी से निकले होनहारों का बोलबाला है।
जादातर लोगों की पौड़ी या फिर देहरादून में अपनी जमीन और पक्की मकाने हैं। पौड़ी शहर की अपनी अलग ही रौनक है। हर दिन नयेपन का अहसास दिलाता है। एक समय में गढ़वाल जिले की राजधानी पौड़ी हुआ करती थी। इसका अस्थित्व पहली बार 1840 इसवी में स्थापित हुआ था। तब इस शहर को गढ़वाल जिले का मुख्यालय बनाया गया था।
आज ये शहर पूर्ण रूप से विकसित है, आपको एक बार हम भी आमंत्रित करते हैं, पौड़ी एक बार जरूर आयें, और इस शहर के चारों और की खूबसूरती का नजदीक से दीदार जरूर करें, वादा है यहां से जाने का मन नहीं करेगा।
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