उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जाखनदेवी स्युनराकोट के रहने वाले प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का चेयरमेन बनाया गया है 45वर्षीय प्रसून जोशी मशहूर लेखक हैं जिन्होंने कई फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं उन्हें 2015 से पद्मम श्री और 2 बार सर्वश्रेठ गीतकार का राष्ट्रीय पुरूस्कार भी मिला है। इसके अलावा उन्हें ‘शैलेंद्र सम्मान’ से भी नवाजा जा चूका है।
गीतकार व कवी प्रसून जोशी को पहलाज निहलानी की जगह पर नियुक्त किया गया है। केन्द्रीय सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है इस पद पर उत्तराखंड के प्रसून जोशी के विराजमान होने से उत्तराखंड का मान और सम्मान बढ़ गया है प्रसून जोशी के पिता डीके जोशी पीसीएस ऑफसर तो माता सुषमा जोशी प्रवक्ता रहीं हैं प्रसून जोशी जी की बचपन से ही संस्कृत,कला और सहित्य में रूचि रही है।
‘तारे जमी पर’ फिल्म का गीत ‘माँ मेरी माँ’ और ‘फन्ना’ फिल्म के ‘चाँद सिफारिस’ गीत के लिए सर्वश्रेठ गीतकार का अवार्ड पा चुके प्रसून जोशी ने स्वच्छ भारत अभियान का थीम सोंग लिखा है। ‘ओ रे चिरेया नहीं सी चिड़िया जैसे गीत को लिखने वाले प्रसून जोशी आधुनिक युवा से जोड़कर गीत और कविता लिखते हैं आधुनिक समय के वो सबसे बड़े कवि माने जाते हैं।
एक नजर उनके जीवन परिचय पर-
प्रसून का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के दन्या गाँव में 16 सितम्बर 1968 को हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्र कुमार जोशी और माता का नाम सुषमा जोशी है। उनका बचपन एवं उनकी प्रारम्भिक शिक्षा टिहरी, गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं नरेन्द्रनगर में हुई, जहां उन्होने एम.एससी.और उसके बाद एम.बी.ए. की पढ़ाई की।
उनकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई है। दिल्ली ६’, ‘तारे ज़मीन पर’, ‘रंग दे बसंती’, ‘हम तुम’ और ‘फना’ जैसी फ़िल्मों के लिए कई सुपरहिट गाने लिखे हैं। फ़िल्म ‘लज्जा’, ‘आंखें’, ‘क्योंकि’ में संगीत दिया है। ‘ठण्डा मतलब कोका कोला’ एवं ‘बार्बर शॉप-ए जा बाल कटा ला’ जैसे प्रचलित विज्ञापनों के कारण उन्हे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता मिली।
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