चमोली जिले के विद्यालय लंगासू की प्रधानाध्यापिका शशि कंडवाल को सस्पेंड करने वाले मामले ने नया मोड़ ले लिया है। 16 जनवरी को सोशल मीडिया फेसबुक से लेकर अखबारों तक लगन्सू विद्यालय की अध्यापिका शशि कंडवाल पर यह आरोप सिद्द हो गया था कि उन्होंने अपने बदले स्कूल में भाड़े पर दूसरा अध्यापक रखा है।
इस खबर के बाद शिक्षकों की खूब किरकिरी हुई। लेकिन दुसरे दिन ही इस मामले ने नया रंग ले लिया जब वामपंथी नेता इंद्रेश मैखुरी की ओर जारी फेसबुक और ट्वीटर पर इस मामले में प्रधानाध्यापिका शशि कंडवाल को निर्दोष बताया गया।
उनके अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) चमोली नरेश कुमार हल्दयानी के दावे गलत हैं। उनके अनुसार मामला 16 नवम्बर को सामने आया जबकि मामला 14 नवम्बर का था। प्राथमिक विद्यालय में एक और शिक्षक हैं, लेकिन वह शशि कंडवाल द्वारा ठेके पर नहीं रखी गयी थीं, बल्कि इस एकल अध्यापक वाले विद्यालय की प्रबंध समिति ने उक्त शिक्षिका को तैनात किया था। इतना ही नहीं उनके स्कूल में ना होने का आरोप भी झूठा है।
14 नवम्बर को शशि कंडवाल अपने विद्यालय की दो विद्यार्थियों को कर्णप्रयाग मे भाषा-गणित विजार्ड प्रतियोगिता में प्रतिभाग करवाने हेतु ले कर गयी थीं। उन्होंने प्रधानाध्यापिका शशि कंडवाल के निलंबन का आदेश तत्काल रद्द करने की मांग भी उठाई है। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही सचाई सबके सामने होगी।
@TheArvindPandey महोदय, एक शिक्षिका के विरुद्ध अन्यायपूर्ण कार्यवाही का संज्ञान ले कर,शिक्षिका को न्याय दिलाने की कृपा करें pic.twitter.com/BIyFD2hGkk
— indresh maikhuri (@indreshmaikhuri) November 17, 2017
इस ट्वीट के बाद शिक्षा मंत्री ने जवाब में लिखा है मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी-
महोदय, उक्त प्रकरण की जाँच के आदेश दे दिए गए हैं, यदि किसी भी प्रकार की त्रुटि पायी जाएगी तो लिप्त अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। https://t.co/83ahTkPodz
— Arvind Pandey (@TheArvindPandey) November 18, 2017
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