2 अप्रेल भारत के इतिहास का ऐक यादगार दिन रहेगा । इसी दिन सन 2011 में भारत ने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार किक्रेट विश्वकप का खिताब जीता था।
इस मैच को वैसे तो सभी ने देखा होगा लेकिन कुछ सुनहरे पलों को याद किया जाय तो उसका मजा ही अलग है ।
क्या रहा था इस दिन खास –
इस मैच मे जब टाॅस हुआ तो दर्शकों के शोरगुल की वजह से अंपायर संगकारा की काॅल नही सुन पाऐ बकायदा दूसरी बार टाॅस उछाला गया संगकारा ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया
श्रीलंका की टीम 50 ओवर मे 6 विकेट पर 274 रन ही बना सकी जिसमे महेला जयवद्धने की 103 रनो की पारी यादगार थी।
275 रनों का लक्ष्य भारत के सामने था लेकिन भारत को पहला झटका शून्य के स्कोर पर विरेन्द्र सहवाग के रूप मे लगा।
कोहली(35) ओर गम्भीर(97) ने तीसरे विकेट की भागीदारी मे 83 रन जोड़े भारत के 114 के स्कोर पर 3 विकेट थे उसके महेन्द्र सिहं धोनी संकट मोचक बनकर निकले गम्भीर के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिऐ 109 रनो की साझेदारी निभाई । 223 के स्कोर पर चार विकेट गिरने के बाद युवराज ओर धोनी अन्त तक आउट नही हुए ओर एक अस्मरणीय जीत को भारत के खाते मे डाल दिया।
इस मैच मे महेन्द्र सिहं धोनी को मैन ऑफ द मैच चुना गया । युवराज सिहं मैन ऑफ द सीरीज चुने गये।
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