यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे। मंगलवार को सबसे पहले उन्होंने पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर में अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद वे शाम को अपने गांव को निकले। गांव जाने के लिए योगी ने पैदल पहाड़ी पर यात्रा की। इस प्रकार पांच साल बाद वे अपने गांव पंचूर पहुंचे।
संन्यास लेने के बाद किसी संन्यासी के लिए जीवन में सामाजिक रिश्ते बदल जाते हैं, मगर मां का रिश्ता सदैव बना रहता है। योगी ने घर पहुंचकर सबसे पहले अपनी मां के पैर छूकर आशीष लिया। मां का ममतामयी हाथ सिर पर आया तो योगी आदित्यनाथ भावुक हो गए। योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद मां की कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान योगी आदित्यनाथ और उनकी मां सावित्री देवी का गला भर आया।
उन्होंने अपने भाइयों से मां के स्वास्थ्य तथा उपचार आदि की जानकारी ली। इसके बाद करीब आधे घंटे का समय योगी आदित्यनाथ ने मां के कमरे में ही अपने भाई-बहनों और अन्य स्वजन के साथ बिताया। शाम को उनके गांव पहुंचने की सूचना से सभी उत्साहित थे। उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। 28 साल बाद योगी ने अपने गांव में रात बिताई। उन्होंने शाम के भोजन में गढ़वाली व्यजनों का लुफ्त उठाया कहा कि बचपन में फाणु बाड़ी बहुत पसंद था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अब उनके भाई, बहन व अन्य लोग महाराज कहकर संबोधित करते हैं, मगर मां सावित्री देवी के लिए वह आज भी वही अजय हैं, जो उनके आंचल में पले और बढ़े। मां का आशीष लेते हुए तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ एक शब्द लिखा ‘मां’। बता दें कि योगी आदित्यनाथ आखिरी बार 11 फरवरी 2017 को अपने गांव आए थे। तब भी वह एक रात अपने पैतृक घर में प्रवास किया था। मंगलवार को वह करीब पांच वर्ष बाद अपने गांव पहुंचे थे।