भोजन के स्वाद को लाजबाब करने के साथ कई रोगों से निजात दिलाने में रामबाण समझे जाने वाले अदरक की उत्पादन को बढ़ाया सकता है। बाजार में भारी मांग है, और कीमत पर आसमान पर। ऐसे में उत्तराखंड के कई जगह अदरक की खेती से किसान मालामाल हो सकते हैं।
जी हाँ, उत्तराखंड की भौगेलिक परिस्थिति भी अदरक की खेती के अनुकूल है। किसान बंजर भूमि पर अदरक की खेती कर अच्छा आय प्राप्त कर सकते हैं। सुप्रभा, सुरभी जैसी कई प्रजातियां यहां की मिंट्टी व मौसम के लिए अनुकूल है। टिहरी जिले के आगराखाल जो कि अदरक के लिए प्रसिद्ध है, इस क्षेत्र से इस साल अगस्त माह में एक करोड़ रूपये से ज्यादा की अदरक बिक्री हुई है।
जागरण में छपी खबर के अनुसार, इस साल इस क्षेत्र में भारी मात्रा में अदरक उत्पादन से किसानों के चेहरे पर रौनक आ गई है। चंबा-ऋषिकेश मोटर मार्ग का कस्बा आगराखाल अदरक के लिए प्रदेश में प्रसिद्ध है। क्षेत्र में करीब 50 गांव के ग्रामीण अदरक का उत्पादन करते हैं। इस क्षेत्र के ग्रामीणों अदरक से अच्छी-खासी कमाई करते है।
यहां का अदरक काफी प्रसिद्ध है, बहुत अच्छी क्वालिटी का भी है, इसलिए इसकी डिमांड भी अधिक है। इस बार अगस्त माह की शुरुआत में अभी तक करीब एक करोड़ रूपये का अदरक बिक चुका है। यहां से प्रत्येक दिन तीन ट्रक अदरक मंडियों तक पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा अदरक इलाहबाद के जौनपुर क्षेत्र में पहुंचा है।
उत्तराखंड के किसानों को आधुनिक तकनीकी से खेती करने की आवश्यकता के साथ मुनाफा देने वाली खेती पर जोर देने की आवश्यकता है, इसके लिए सरकार को पहाड़ पर कैसे खेती कर किसान आत्म निर्भर बने उस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। पहाड़ी भूमि अति उपजाऊ है जरूरत है कि मिटटी की पहचान कर उसी के अनुरूप खेती की जाय, जैसा कि आगराखाल क्षेत्र के किसान कर रहे हैं।
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