उत्तराखंड की सड़कों पर फरवरी के महीने में हर दिन दुर्घटनाओं की खबर चिंता का विषय बनी हुई है, रविवार को रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक के मयाली-ममणी-चिरबटिया मोटर मार्ग पर गोर्ती से ममणी की ओर आ रही एक कार अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। हादसे में जीआईसी पांजणा में तैनात शिक्षक अरविंद भदौरिया घायल हो गए। जबकि कार में सवार उनके बच्चे मामूली रूप से घायल हो गए, सीएचसी जखोली में उपचार के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
सोमवार को फिर से एक देहरादून से दुर्घटना हुई, उत्तरकाशी की ओर जा रही बोलेरो गाड़ी सुवाखोली-भवान-नगुण मोटरमार्ग पर संतुलन खोकर खाई में जा गिरी। हादसे में वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हैं। ये घटना सुवाखोली भवान-नगुण मोटरमार्ग पर मराड़ गांव के पास हुई। हादसे में वाहन चालक जयप्रकाश जुयाल (40) निवासी इंद्रानगर देहरादून की मौके पर मौत हो गई।
एक और हादसे में देवप्रयाग के मूल्यागांव में एक फॉर्च्यूनर खाई में गिरी, हादसा इतना खतरनाक था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मूल्या गांव में एक कार खाई में गिर गई। सूचना पाकर देवप्रयाग से पुलिस रवाना हो गई। जानकारी के मुताबिक तीनों घायल दिल्ली के रहने वाले हैं। तीनों ऊखीमठ से दिल्ली जा रहे थे। घायलों को खाई से निकालकर बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मगंलवार को तडके फिर एक बड़े हादसे ने दिल दहला दिया, मुख्यालय पौड़ी से दोस्त का जन्मदिन मनाने पौड़ी गए युवकों की कार लौटते समय खाई में जा गिरी। हादसे में चार युवकों की मौत हो गई, जबकि एक को देहरादून रेफर किया गया है। पौड़ी निवासी अभिषेक का जन्मदिन मनाने के लिए ये पांचों युवक स्वीफ्ट कार से पाबौ की तरफ गए थे। वापस लौटने के दौरान यह हादसा हो गया। बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मांडाखाल के समीप स्विफ्ट कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना में मंजीत नेगी (23 वर्ष) पुत्र कुलदीप सिंह निवासी सर्किट हाउस पौड़ी, माधव (22 वर्ष) व अभिषेक रावत (24 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई।
राहुल बिष्ट (24 वर्ष) निवासी निवासी श्रीनगर और विवेक भूषण (20 वर्ष) निवासी पुलिस लाइन पौड़ी को जिला चिकित्सालय पौड़ी में उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। रास्ते में राहुल बिष्ट ने भी दम तोड़ दिया। वहीं, विवेक भूषण का देहरादून स्थित इंद्रेश अस्पताल में इलाज चल रहा है। फरवरी के महीने में हर दिन बड़ी दुर्घटना का समाचार मिलना दुखद है सरकार भी इस मामले में चुप्पी साधे बैठी है, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे। ')}