लाखो रूपयों में कीमत होने के साथ इन सब कारणों से इसकी अहमियत इतनी ज़्यादा है कि इसका गुपचुप कारोबार भी जारी है। इस दुर्लभ जडी की तस्करी भी खूब की जा रही है। बीते रोज में उत्तराखंड के जोशीमठ में पुलिस ने अवैध कीड़ा जड़ी के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया।
देर रात एस.ओ.जी चमोली की टीम और कोतवाली जोशीमठ पुलिस द्वारा मुखबिर की सूचना पर चेकिंग अभियान चलाया गया था जिसमें तपोवन जोशीमठ से वाहन संख्या UK11 7443 वेगन आर गाड़ी में सवार अभियुक्त वीरेंद्र सिंह पंवार पुत्र गब्बर सिंह पंवार, निवासी गेहेर भंगयूल, तपोवन, तहसील जोशीमठ के कब्जे से 200 ग्राम कीड़ा जड़ी और दूसरे अभियुक्त गोविंद सिंह, पुत्र दीवान सिंह, निवासी पनियाली, थाना-मुखानी, हल्द्वानी, नैनीताल के कब्जे से 190 ग्राम कीड़ा जड़ी बरामद की गई।
वहीं दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके दोनों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक कानूनी कार्यवाई की जा रही है। साथ ही तस्करी के लिए इस्तमाल की गई वाहन संख्या UK11 7443 वेगन आर कार को भा सीज़ किया गया। हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में एक नायाब जड़ी मिलती है जिसको यारशागुंबा या कीड़ा जड़ी भी कहते हैं।
माना जाता है कि इस जड़ी में करामाती क्षमता होने के कारण ये जड़ी शक्ति बढाने की काम करती है। यही कारण है की चीन में ये जड़ी खिलाड़ियों ख़ासकर एथलीटों को दी जाती है।कई मायनों में औषदीय गुणों से परिपूर्ण इस जड़ी को लेकर वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की चिंता ये है कि चाहे अवैध हो या वैध इसके अंधाधुंध दोहन से हिमालय की नाज़ुक जैव विविधता और पारिस्थितिकी का निरंतर नुक़सान हो रहा है। ')}