देहरादून: शहर के व्यापारिक समुदाय को राहत देते हुए, महापौर सुनील उनियाल गामा ने सोमवार को 100 से अधिक विभिन्न प्रकार के व्यवसायों पर लाइसेंस शुल्क लगाने का प्रस्ताव वापस ले लिया। देहरादून नगर निगम (DMC) के लिए अधिक राजस्व जुटाने के लिए लाइसेंस शुल्क प्रस्तावित था।
इसके प्रस्तावित होने के तुरंत बाद, व्यापारियों ने इस कदम का घोर विरोध किया और सोमवार को उन्होंने डीएमसी कार्यालय में भी विरोध प्रदर्शन किया। मेयर के साथ लंबी चर्चा के बाद, यह निर्णय लिया गया कि प्रस्तावित बिल को फिलहाल वापस ले लिया जाएगा।
व्यापारियों ने महापौर के बयान पर प्रसन्नता व्यक्त की है, व्यापारियों ने महापौर को बताया कि व्यापारिक समुदाय पहले से ही डीएमसी को हाउस टैक्स दे रहा है। देश में आर्थिक मंदी हैं और ऑनलाइन खरीद ने कमाई चौपट कर रखी है, ऐसे में भारी लाइसेंस शुल्क का निपटान हमारे वित्तीय बोझ को काफी बढ़ा देगा। महापौर ने धैर्य से व्यापारियों की बात सुनी और प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला किया।
बता दें कि डीएमसी ने 19 जनवरी को शहर में 100 से अधिक विभिन्न प्रकार के व्यवसायों पर लाइसेंस शुल्क लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। वर्तमान में, निगम केवल नौ प्रकार के व्यवसायों पर लाइसेंस शुल्क वसूलती है।
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