सेनानायक एसडीआरएफ तृप्ति भट्ट को स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया है। पूरे भारत में इस अवार्ड की दौड़ में उन्हें देश में दूसरा स्थान मिला है। कोविड महामारी के दौरान अपने बेहतरीन मानवीय कार्यों से राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त कर SDRF उत्तराखण्ड पुलिस ने जहां राज्य का गौरव बढ़ाया है वही अल्प समय मे ही राष्ट्रीय पटल पर अपनी अमिट छाप बना कर अपनी स्थापना की सार्थकता को भी सिद्ध किया है।
चमोली जिले की एसपी रह चुकी तृप्ति भट्ट को 2019 की शुरुआत में सेनानायक एसडीआरएफ बनाया गया था।तृप्ति 2013 बेच की आईपीएस अधिकारी हैं। वो देहरादून और हरिद्वार जैसे बड़े जिलों की कमान भी संभाल चुकी हैं। अपने जोरदार एक्शन से उन्होंने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।
उन्होंने पंत नगर यूनिवर्सिटी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद छह सरकारी, गैर सरकारी प्रतिष्ठित संस्थानों की जॉब ठुकराने के बाद आईपीएस ज्वाइन की थी। तृप्ति भट्ट कुशल एथलीट भी हैं। राष्ट्रीय स्तर की 16, 14 किमी मैराथन और राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता की वह गोल्ड विजेता रही हैं। वह ताइक्वांडो और कराटे में भी दक्ष हैं। तृप्ति लेखिका भी हैं।
लॉकडाउन और अनलॉक प्रक्रिया के दौरान एसडीआरएफ ने छह लाख से अधिक प्रवासियों को घर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। 70 हजार से अधिक स्टेकहोल्डर्स को प्रशिक्षण और कोविड से बचाव संबन्धी जानकारी भी दी। एसडीआरएफ राष्ट्र में प्रथम बल बना जिसने कोविड टेस्टिंग प्रशिक्षण प्राप्त कर टेस्टिंग शुरू की थी।
बता दें स्कॉच अवार्ड भारत को बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने वाले व्यक्तियों, परियोजनाओं और संस्थानों को दिया जाता है। यह पुरस्कार डिजिटल, वित्तीय एवं सामाजिक समावेशन के क्षेत्र में किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के लिए दिया जाता है। इस अवार्ड की शुरुआत स्कॉच फाउंडेशन की ओर से वर्ष 2003 में की गई थी।