सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल जल्द ही 4G के साथ 5G सेवा भी शुरू कर सकेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी। पैकेज के माध्यम से सरकार बीएसएनएल की सेवाओं में सुधार, बहीखातों को मजबूत करना और फाइबर नेटवर्क का विस्तार करने जैसे मकसद इसके पीछे हैं। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के बारे में पत्रकारों को बताया कि सरकार बीएसएनएल को 4जी सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि बीएसएनएल को मजबूत बनाने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। दूरसंचार मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल को 2019 में दिए गए पहले पुनरुद्धार पैकेज से कंपनी में स्थिरता आई और इसके बाद उसने परिचालन लाभ दर्ज किया। आज के 1,64,156 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज के साथ बीएसएनएल एक व्यवहार्य इकाई बनेगी। बीएसएनएल निजी कंपनियों के हाथों तेजी से बाजार हिस्सेदारी खो रही है और अगर प्रौद्योगिकी तथा सेवाओं के उन्नयन के लिए सरकारी मदद नहीं मिलती, तो वह गहरे संकट में फंस जाती।
उन्होंने आगे कहा कि बीएसएनएल के 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये को इक्विटी में बदला जाएगा। साथ ही कंपनी इतनी ही राशि (33,000 करोड़ रुपये) के बैंक कर्ज के भुगतान के लिये बॉन्ड जारी करेगी। पैकेज में 43,964 करोड़ रुपये का नकद हिस्सा शामिल है। 1.2 लाख करोड़ रुपये गैर-नकद रूप में चार साल के दौरान दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) के विलय को भी मंजूरी दी। एमटीएनएल और बीएसएनएल के विलय के लिए जटिल वित्तीय पुनर्गठन की जरूरत है। काफी काम बाकी है, इसलिए इसे चरण-दर-चरण आधार पर आगे बढ़ाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि 4जी सेवाओं की पेशकश के लिए बीएसएनएल को स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा। इसके तहत 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का आवंटन इक्विटी निवेश के जरिये किया जाएगा, जिसकी लागत 44,993 करोड़ रुपये होगी।
सरकार 4जी प्रौद्योगिकी का ढांचा विकसित करने के लिए अगले चार साल के दौरान 22,471 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी अगले एक-डेढ़ साल में 5जी सेवाएं शुरू करेगी। इसके अलावा सरकार बीएसएनएल को 2014-15 से 2019-20 के दौरान व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए 13,789 करोड़ रुपये देगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के दूरदराज के गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 26,316 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली एक परियोजना को भी मंजूरी दी है।